Edited By Supreet Kaur,Updated: 04 May, 2018 12:51 PM
ऑनलाइन ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट को खरीदने के लिए कंपनियां कई तरह के दांव पेच लगा रही हैं। जानकारों की मानें तो फ्लिपकार्ट को खरीदने की दौड़ में अमेरिका का रीटेल ग्रुप वॉलमार्ट सबसे ऊपर है। दूसरी और अमेजन ने भी फ्लिपकार्ट पर कब्जा कायम करने.........
नई दिल्लीः ऑनलाइन ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट को खरीदने के लिए कंपनियां कई तरह के दांव पेच लगा रही हैं। जानकारों की मानें तो फ्लिपकार्ट को खरीदने की दौड़ में अमेरिका का रीटेल ग्रुप वॉलमार्ट सबसे ऊपर है। दूसरी और अमेजन ने भी फ्लिपकार्ट पर कब्जा कायम करने के लिए 60 फीसदी शेयर खरीदने का प्रस्ताव सामने किया है।
डील में हो सकती हैं मुश्किलें
माना जा रहा है कि फिल्पकार्ट के को-फाउंडर और एग्जीक्यूटिव चेयरमैन सचिन बंसल को कंपनी के सीईओ पद से हटाया जा सकता है। वहीं वॉलमार्ट का कहना है कि फ्लिपकार्ट डील दुनिया में उसकी ओर से की गई सबसे बड़ी ई-कॉमर्स डील होगी। इस डील की मदद से वॉलमार्ट को भारत के ऑनलाइन बाजार में भी अपना विस्तार करने में मदद मिलेगी। हालांकि वॉलमार्ट को सॉफ्टबैंक की ओर से जरूर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि सॉफ्टबैंक चाहता है कि फ्लिपकार्ट और अमेजन का आपस में विलय हो।
फ्लिपकार्ट का सफर
सचिन बंसल और बिन्नी बंसल दोनों ने मिलकर 5 सितंबर 2007 को फ्लिपकार्ट के नाम से अपनी एक कंपनी खोली। सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने लोगों की सोच को भारत में बदला और कैश ऑन डिलीवरी शुरू की। इससे पहले भारत में ऑनलाइन साइट केवल डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड से पैसे लेती थी जिस पर लोग ज्यादा भरोसा नहीं करते थे।