भारत में ई-कॉमर्स की सबसे बड़ी डील, Flipkart, वालमार्ट ने 16 अरब डॉलर में खरीदी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 May, 2018 07:25 PM

flipkart will be sold in wal mart s hands

अमेरिकी खुदरा कंपनी वॉलमार्ट ने फ्लिपकॉर्ट की 77 प्रतिशत हिस्सेदारी करीब 16 अरब डॉलर (एक लाख 5 हजार 360 करोड़ रुपए) में खरीद लिया है। वॉलमार्ट का यह अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण है।

बेंगलुरुः अमेरिकी खुदरा कंपनी वॉलमार्ट ने फ्लिपकॉर्ट की 77 प्रतिशत हिस्सेदारी करीब 16 अरब डॉलर (एक लाख 5 हजार 360 करोड़ रुपए) में खरीद लिया है। वॉलमार्ट का यह अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण है। इस सौदे में 11 साल पुरानी फ्लिपकॉर्ट का कुल मूल्य 20.8 अरब डॉलर आंका गया है। इस डील के लिए वॉलमार्ट के चीफ एग्‍जीक्‍यूटि‍व Doug McMillon भारत आए थे। 
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सचिन बंसल ने दिया इस्तीफा
वॉलमार्ट ने जारी बयान में कहा कि उसने फ्लिपकॉर्ट की 77 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगी। फ्लिपकॉर्ट के सह-संस्थापक सचिन बंसल ने कंपनी में अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने बिन्नी बंसल के साथ मिलकर 2007 में इसकी स्थापना की थी। सचिन और बिन्नी पहले अमेजॉन डॉट कॉम इंक में काम करते थे। उन्होंने किताबें बेचने से कंपनी की शुरूआत की थी।
 

  • फ्लि‍पकार्ट के टॉप           शेयरहोल्‍डर्स 
  • शेयरहोल्‍डर                    हि‍स्‍सेदारी
  • सॉफ्टबैंक                       20.8 %
  • टाइगर ग्‍लोबल                20.6 %
  • नेस्‍पर                            12.8 %
  • टेनसेंट                             5.9 %
  • ईबे सिंगापुर                      6.1 %
  • एक्‍ससेल पार्टनर्स               6.4 %
  • बि‍न्‍नी बंसल                    5.25 %
  • सचि‍न बंसल                    5.55 % 

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वॉलमार्ट बनेगी देश की सबसे बड़ी मल्टी नेशनल कंपनी
एक त्वरित अनुमान के मुताबिक वॉलमार्ट लगभग 43,700 करोड़ रुपए का कारोबार भारत में फ्लिपकॉर्ट की डील से पहले कर रहा है। वहीं इस डील के बाद फ्लिपकॉर्ट-मिन्त्रा-ईबे-जबॉन्ग के 22,911 करोड़ रुपए के कुल रेवेन्यू के बाद कयास लगाया जा रहा है कि वॉलमार्ट का भारत में कुल कारोबार लगभग 67,000 करोड़ तक पहुंच जाएगा।

इस साल का सबसे बड़ा अधिग्रहण
अमेरिकी खुदरा कंपनी वालमार्ट द्वारा 16 अरब डॉलर में फ्लिपकार्ट की 77 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदना देश में इस साल का अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण है। यह वालमार्ट का भी अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण है। वोडाफोन इंडिया और आईडिया का प्रस्तावित विलय पूरा हो जाने पर सबसे बड़ा सौदा हो जाएगा। पिछले साल घोषित यह सौदा 23 अरब डॉलर का है।

पिछले साल अगस्त में रोसनेफ्ट एवं उसके सहयोगियों ने 12.9 अरब डॉलर के सौदे में एस्सार ऑयल के दो करोड़ टन प्रतिवर्ष क्षमता वाले परिशोधन संयंत्र और 3500 से अधिक पेट्रोल पंप खरीदा था। यह अब तक का देश में सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है। यह रूस की किसी कंपनी का भी अन्य देश में सबसे बड़ा निवेश है। 

ब्रिटेन की बीपी पीएलसी ने 2011 में रिलायंस इंडस्ट्रीज के केजी- डी 6 समेत 23 तेल एवं गैस खंडों की 30 प्रतिशत हिस्सेदारी 7.2 अरब डॉलर में खरीदी थी। एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत को आधारभूत संरचना को बढ़ावा देने तथा सतत आॢथक विकास के लिए विदेशी निवेश की जरूरत है। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग के अनुसार, अप्रैल-दिसंबर 2017 के दौरान देश में कुल 35.94 अरब डॉलर का एफडीआई निवेश हुआ।  
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एक नजर मुख्य डील और अधिग्रहण पर ...

  • 1: रोसनेफ्ट, नीदरलैंड की ट्राफिगुरा ग्रुप पीटीई और रूस की निवेश कंपनी यूनाइटेड कैपिटल पार्टनर्स ने अगस्त 2017 में 12.9 अरब डॉलर में एस्सार ऑयल का अधिग्रहण किया।       
  • 2: मैक्स फाइनेंशियल र्सिवसेज लिमिटेड और एचडीएफसी ने देश की सबसे बड़ी निजी बीमा कंपनी बनाने के लिए 2016 में 9.73 अरब डॉलर का विलय सौदा किया।       
  • 3: अल्ट्राटेक ने 2016 में 2.4 अरब डॉलर में जयप्रकाश एसोसिएट्स के सीमेंट कारोबार को खरीदा।       
  • 4: निरमा ने 2016 में 1.4 अरब डॉलर में लाफार्ज इंडिया का अधिग्रहण किया।       
  • 5: वेदांता ने 2011 में 8.67 अरब डॉलर में केयर्न इंडिया की 58.5 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी।       

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