Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Jan, 2021 05:42 PM
सरकार को आथिक गतिविधयों को सहारा देने के लिए आपूर्ति पक्ष की दिक्कतों पर ध्यान देने के बाद अब बजट में मांग संबंधी समस्याओं को दूर करने पर ध्यान देना चाहिए। इंडिया रेटिंग्स की एक रिपोर्ट में यह सिफारिश की गयी है। कोरोना वायरस महामारी
मुंबईः सरकार को आथिक गतिविधयों को सहारा देने के लिए आपूर्ति पक्ष की दिक्कतों पर ध्यान देने के बाद अब बजट में मांग संबंधी समस्याओं को दूर करने पर ध्यान देना चाहिए। इंडिया रेटिंग्स की एक रिपोर्ट में यह सिफारिश की गयी है। कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत से ही सरकार का ध्यान आपूर्ति संबंधी दिक्कतों पर लगा हुआ है। कोरोना वायरस महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन के बाद जून तिमाही में अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी।
हालांकि इसके बाद अर्थव्यवस्था में नाटकीय सुधार हुआ और सितंबर तिमाही में गिरावट 7.5 प्रतिशत तक सीमित रही। चालू वित्त वर्ष की अंतिम दो तिमाहियों में अर्थव्यवस्था के वृद्धि की राह पर लौट आने की उम्मीद की जा रही है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स के सुनील कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को एक नोट में कहा, ‘‘इससे पहले की पुनरुद्धार अपनी गति खो दे, समय आ गया है कि अब मांग पक्ष पर भी ध्यान दिया जाए। आपूर्ति पक्ष की दिक्कतें दूर करने में कुछ भी गलत नहीं है, क्योंकि अवरुद्ध आपूर्ति श्रृंखला को दुरुस्त करना भी जरूरी है लेकिन मांग की कमी सुधार की गति को बाधित कर सकती है।''
सिन्हा ने चेतावनी दी कि यदि सरकार व रिजर्व बैंक के उपायों से आपूर्ति पक्ष की समस्याएं दूर कर भी ली जाती हैं, वस्तुओं व सेवाओं की पर्याप्त मांग नहीं होने से मुश्किलें फिर से खड़ी हो सकती हैं।