खाद्य मंत्रालय की विदेश मंत्रालय से गुहार, कहा- नहीं रख पाएंगे इतना चावल-गेहूं, दान कर दीजिए

Edited By Supreet Kaur,Updated: 15 Oct, 2019 02:08 PM

food ministry said will not be able to keep so much rice and wheat donate it

भारतीय खाद्य निगम में अनाज बहुतायत में होने के चलते सरकार इसके भंडारण के खर्चे के कम करने और नुकसान से बचने के लिए देशभर में जरुरत से ज्यादा अनाज भंडार को कम करने की कोशिश कर रही है। इसके लिए खाद्य मंत्रालय ने विदेश मंत्रा....

नई दिल्लीः भारतीय खाद्य निगम में अनाज बहुतायत में होने के चलते सरकार इसके भंडारण के खर्चे के कम करने और नुकसान से बचने के लिए देशभर में जरुरत से ज्यादा अनाज भंडार को कम करने की कोशिश कर रही है। इसके लिए खाद्य मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय से कहा है कि वह अतिरिक्त अनाज के भंडार को योग्य देशों को मानवीय सहायता के रूप में देने के विकल्प के रूप में विचार करे।

सूत्रों के अनुसार खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने विदेश मंत्रालय से अनुरोध किया कि वो एफसीआई के पास उपलब्ध अतिरिक्त भंडार से गेहूं और चावल को जीटूजी (सरकार से सरकार) के जरिए योग्य देशों को मानवीय सहायता देने की संभावनाओं का पता लगाए। इस साल की शुरुआत में सचिवों की एक समिति ने भी सिफारिश की थी कि विदेश मंत्रालय योग्य देशों की सहायता के रूप में गेहूं की पेशकश की संभावना का पता लगाए। उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण प्रणाली विभाग मंत्रालय ने भी पिछले दो सालों में कम से कम दो बार विदेश मंत्रालय से इस तरह का अनुरोध किया था। सूत्रों ने बताया कि बार-बार अनुरोध करने के बाद भी कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आए हैं।

गौरतलब है कि सरकार द्वारा गेहूं और चावल की खरीद में हर साल बढ़ोतरी हो रही है। इससे एफसीआई में गेहूं और चावल का अतिरिक्त भंडार और बढ़ गया। भंडारण मानदंडों के मुताबिक एक जुलाई को सेंट्रल पूल में खाद्यान्न की कुल जरुरत 411.20 लाख टन थी मगर एक सितंबर को सेंट्रल पूल में अनाज का भंडारण 669.15 लाख टन था। इसमें 254.25 लाख टन चावल और 414 लाख टन गेहूं थे।

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