Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Feb, 2018 02:49 PM
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने आज कहा कि घरेलू और विदेशी निवेशकों द्वारा जताई गई प्रतिबद्धताओं के आधार पर खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र अगले दो-तीन साल में 14 अरब डॉलर से अधिक का निवेश आर्किषत करेगा। बादल ने कहा कि सरकार ने अगले...
नई दिल्लीः केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने आज कहा कि घरेलू और विदेशी निवेशकों द्वारा जताई गई प्रतिबद्धताओं के आधार पर खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र अगले दो-तीन साल में 14 अरब डॉलर से अधिक का निवेश आर्किषत करेगा। बादल ने कहा कि सरकार ने अगले वित्त वर्ष के लिए खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र का बजट दोगुना करके 1,400 करोड़ रुपए कर दिया है और इसका उपयोग प्रसंस्करण ढांचे में सुधार और शीत-श्रृंखला ग्रिड के निर्माण में होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य खाद्य प्रसंस्करण के स्तर को दोगुना करके 20 प्रतिशत करने का है। यहां आयोजित वन ग्लोब फोरम 2018 से इतर बादल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘विश्व खाद्य शिखर सम्मेलन के दौरान 13-14 अरब डॉलर के निवेश के लिए करार (एमओयू) किए गए थे। इन सभी एमओयू की मैं खुद व्यक्तिगत तौर पर निगरानी कर रही हूं।’’ उन्होंने कहा कि ये एमओयू सिर्फ कागज पर नहीं हैं। सभी निवेशकों ने परियोजनाएं स्थापित करने के लिये काम शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘दो-तीन साल के भीतर हम इन एमओयू में से अधिकांश में जमीनी स्तर पर काम होता हुआ और परिचालन होते हुए देखेंगे।’’ बादल ने कहा कि अमेजन ने पहले ही देश में खाद्य प्रसंस्करण परियोजनाओं की स्थापना शुरू कर दी है।
खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए बजट में वृद्धि पर केंद्रीय मंत्री बादल ने कहा कि इस पूंजी का इस्तेमाल बुनियादी ढांचे के निर्माण के साथ-साथ जल्द खराब होने वाले फलों और सब्जियों के प्रसंस्करण में किया जाएगा ताकि इन्हें खराब होने से बचाया जा सके। अनुमान है कि पर्याप्त खाद्य प्रसंस्करण ढांचे और शीत गृहों की कमी के कारण भारत में लाखों डॉलर कीमत की फलें और सब्जियां खराब होती हैं।