कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों से अप्रैल में 9,659 करोड़ रुपए निकाले

Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 May, 2021 02:06 PM

foreign investors pulled out rs 9 659 crore from indian markets

विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजारों में छह महीने से जारी खरीददारी का दौर अप्रैल में थम गया। विदेशी निवेशक अप्रैल माह में शुद्ध बिकवाल रहे और माह के दौरान उन्होंने भारतीय शेयर बाजारों से 9,659 करोड़ रुपए की निकासी की। भारत में कोरोना वायरस की गंभीर लहर...

नई दिल्लीः विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजारों में छह महीने से जारी खरीददारी का दौर अप्रैल में थम गया। विदेशी निवेशक अप्रैल माह में शुद्ध बिकवाल रहे और माह के दौरान उन्होंने भारतीय शेयर बाजारों से 9,659 करोड़ रुपए की निकासी की। भारत में कोरोना वायरस की गंभीर लहर और उसके अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए विदेशी निवेशकों ने अपना यह रुख बदला।

माईवेल्थग्रोथ.कॉम के सह संस्थापक हर्षद चेतनवाला के अनुसार विदेशी निवेशकों में कोविड-19 संकट का भय यदि बढ़ता है तो विदेशी निवेशकों के अपनी हिस्सेदारी बेचने का चलन जोर पकड़ सकता है और बाजार में थोड़ी और उथल-पुथल आ सकती है। डिपॉजिटरी के पास मौजूद आंकड़े के मुताबिक पिछले महीने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय इक्विटी बाजार से 9,659 करोड़ रुपए की पूंजी निकाली। सितंबर, 2020 के बाद से पहली बार इस स्तर पर पूंजी की निकासी की गई। तब 7,782 करोड़ रुपए की निकासी की गई थी।

अप्रैल से पहले अक्तूबर, 2020 और मार्च, 2021 के बीच एफपीआई ने इक्विटी में 1.97 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया था। इसमें इस साल के पहले तीन महीने में किया गया 55,741 करोड़ रुपए का निवेश शामिल है। शेयर खान (बीएनपी पैरिबास) के कैपिटल मार्केट स्ट्रेटजी विभाग के प्रमुख, वरिष्ट उपाध्यक्ष, गौरव दुआ ने कहा, "उभरते बाजारों में विदेशी निवेश में सामान्य रूप से एक मंदी आयी है। खासतौर पर भारत में कोरोना विषाणु की दूसरी लहर और अर्थव्यवस्था पर उसके असर से विदेशी संस्थानों पर इक्विटी बेचने का दबाव है।" 

रिलायंस सिक्युरिटीज के स्ट्रेटजी प्रमुख बिनोद मोदी ने कहा कि एफपीआई की बिक्री थोड़े समय की प्रक्रिया है और इससे एक बड़ा जोखिम पैदा होने की आशंका नहीं है क्योंकि भारतीय इक्विटी की बुनियाद ठोस है। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 मामलों में अच्छी खासी कमी आने पर आने वाले महीनों में इक्विटी में एफपीआई का प्रवाह वापस लौट सकता है। इक्विटी के अलावा एफपीआई ने पिछले महीने कुल 118 करोड़ रुपए के ऋण पत्रों की भी बिकवाली की। इस साल अब तक एफपीआई ने शेयरों में 46,082 करोड़ रुपए का निवेश किया, लेकिन ऋण पत्रों से कुल 15,616 करोड़ रुपए की राशि निकाली है।
 

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