Edited By ,Updated: 17 Nov, 2016 04:38 PM
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने नोटबंदी के भारत सरकार के फैसले की सराहना करते हुए कहा है कि यह निवेश के लिए सकारात्मक कदम होगा।
नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने नोटबंदी के भारत सरकार के फैसले की सराहना करते हुए कहा है कि यह निवेश के लिए सकारात्मक कदम होगा। उन्होंने कहा है कि सरकार की इस पहल का परिणाम अवस्फीति होगा।
उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, ‘हालात को देखते हुए मेरी निजी राय है कि इसके परिणाम अच्छा होगा।’ सुब्बाराव ने कहा कि इस कदम के संभावित फायदों में यह भी है कि यह निवेश के लिए सकारात्मक है और इससे अवस्फीति होगी। इसके साथ ही बैंक अपने ग्राहकों को नकदी के बजाए आनलाइन लेनदेन को प्रोत्साहित कर सकेंगे।
साथ हूी यह भी कहा कि केंद्र सरकार के इस फैसले से बैंकों की ब्याज दर कम हो सकती है। बैंक लोन पर ब्याज दर कम होगा तो निवेश ज्यादा होगा।
जमीन और मकान की कीमतों में आएगी गिरावट
इन दिनों सिंगापुर के इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशियन स्टडीज (आई.एस.ए.एस.) में विजिटिंग फेलो और 2008 से 2013 तक आरबीआई के गवर्नर रहे सुब्बाराव ने इसी संस्था की वेबसाइट पर छपे अपने एक लेख में कहा कि सबसे ज्यादा काला धन रियल एस्टेट में लगा हुआ है। नोटबंदी से इस मामले में काफी असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद नकद काला धन खत्म होने से जमीन और मकानों की कीमतों और किराए में भी कमी आएगी।
प्राइवेट सैक्टर्स में भी बढ़ेंगे रोजगार के मौके
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद अघोषित आय पर लगाए गए टैक्स और जुर्माने से सरकारी खजाने में बड़ी रकम आ सकती है। ये कितनी होगी इस पर भले ही बहस हो लेकिन यह तय है कि सरकार बैंकों में जमा रकम पर कड़ी नजर रखेगी। उन्होंने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक नोटबंदी से जी.डी.पी. का 0.5 फीसदी यानि लगभग 65 हजार करोड़ रुपए टैक्स के रूप में जमा हो सकती है। सरकार इसका इस्तेमाल आधारभूत ढांचे को विकसित करने में कर सकती है। नोटबंदी से नकद रकम के बाहर आने से प्राइवेट सैक्टर में भी निवेश बढ़ सकता है।