Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Feb, 2022 08:49 AM
सरकार ने शनिवार को कहा कि किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) भारत को दुनिया का मोटे अनाज का केंद्र बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे। इस मुद्दे पर दुबई एक्सपो में शुक्रवार को भारत के पाक्षिक आयोजन ''खाद्य, कृषि और आजीविका'' के तहत विस्तार से चर्चा की गई। सत्र...
नई दिल्लीः सरकार ने शनिवार को कहा कि किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) भारत को दुनिया का मोटे अनाज का केंद्र बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे। इस मुद्दे पर दुबई एक्सपो में शुक्रवार को भारत के पाक्षिक आयोजन 'खाद्य, कृषि और आजीविका' के तहत विस्तार से चर्चा की गई। सत्र के दौरान, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और इस क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भारतीय उद्योग के कारोबारियों के लिए देश की निर्यात क्षमता को बढ़ाने के अवसरों पर विचार-विमर्श किया।
कृषि मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव अभिलाक्ष लिखी ने आयोजन में कहा, ‘‘हम घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जुड़ने के लिए स्टार्ट-अप और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) से न केवल मोटे अनाज की मूल्य श्रृंखला को बढ़ाने में मदद करने का आग्रह करते हैं, बल्कि एक समावेशी ढांचा तैयार करने में भी मदद की अपेक्षा करते हैं।’’
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को 'अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष' घोषित किया है, जिसका उद्देश्य बदलती जलवायु परिस्थितियों में अनाज के स्वास्थ्य लाभों और खेती के लिए इसकी उपयुक्तता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव शुभा ठाकुर ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष को ध्यान में रखते हुए, हम इसके पोषण लाभ और मूल्य श्रृंखला को उजागर करके मोटा अनाज अभियान को गति देने की कोशिश कर रहे हैं।’’
मोटे अनाज के पोषण सुरक्षा पहलू को रेखांकित करते हुए, न्यूट्रीहब के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी दयाकर राव ने कहा, ‘‘मोटे अनाज के स्वास्थ्य लाभ हैं और यह मोटापा और कुपोषण को कम कर सकता है। इसमें विटामिन, खनिज और फाइटोकेमिकल्स अच्छी मात्रा में है और यह उच्च रक्तचाप, पेट के कैंसर और हृदय रोग को मात देने में भी मदद करता है क्योंकि यह शरीर में मौजूद ट्राइग्लिसराइड्स को कम करता है।’’