FRAI ने पीएम मोदी से किया आग्रह, कहा- तंबाकू उत्पादों पर कानून में प्रस्तावित बदलावों को लें वापस

Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Jan, 2021 05:52 PM

frai urges pm modi says take back the proposed changes

छोटे और मझोले खुदरा कारोबारियों की संस्था फेडरेशन ऑफ रिटेलर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफआरएआई) ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों पर कानून में प्रस्तावित संशोधनों को वापस लेने का आग्रह किया, ताकि

नई दिल्लीः छोटे और मझोले खुदरा कारोबारियों की संस्था फेडरेशन ऑफ रिटेलर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफआरएआई) ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों पर कानून में प्रस्तावित संशोधनों को वापस लेने का आग्रह किया, ताकि पूरे भारत में तंबाकू उत्पाद बेचने वाले छोटे खुदरा विक्रेताओं की आजीविका पर होने वाले हमले को रोका जा सके। 

एफआरएआई देश के उत्तरी, दक्षिणी, पूर्वी और पश्चिमी हिस्से के 34 खुदरा संगठनों के साथ कुछ चार करोड़ छोटे और मझोले खुदरा विक्रेताओं के प्रतिनिधित्व का दावा करता है। संस्था ने कहा कि छोटे खुदरा विक्रेता पहले से ही कोविड-19 महामारी के प्रकोप का सामना कर रहे हैं और यह 'ताजा हमला उनके परिवारों के लिए विनाशकारी होगा।'

क्या है प्रस्तावित कोटपा विधेयक 2020? 
एसोसिएशन ने कहा कि उसके सदस्य संगठन 'स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित कोटपा (सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम) विधेयक 2020 के अलोकतांत्रिक संशोधनों से परेशान हैं, जो सिगरेट की लूज बिक्री को रोकती है, 21 साल से कम उम्र के व्यक्तियों को तंबाकू उत्पादों की बिक्री को प्रतिबंधित करती है और दुकानों के भीतर विज्ञापन और प्रमोशन को नियंत्रित करती है, और ऐसा लगता है कि इनका मकसद बड़े खुदरा विक्रेताओं को प्रभावित किए बिना छोटे खुदरा विक्रेताओं के व्यापार को नष्ट करना है।' 

खराब है छोटे खुदरा कारोबारियों की दशा 
एफआरएआई ने एक बयान में कहा कि, 'कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन और कारोबारी बंदिशों और उसके बाद आर्थिक स्थिति के बिगड़ने के चलते छोटे खुदरा कारोबारियों की दशा खराब है और आगे कोई भी विपरीत नीति उनके कारोबार को अस्थिर करेगी और यह ताजा हमला विनाशकारी होगा।' 

पीएम मोदी से की कोटपा संशोधनों को वापस लेने की अपील 
संस्था के अध्यक्ष राम आसरे मिश्रा ने कहा कि, 'हम विनम्रतापूर्वक प्रधानमंत्री की सहानुभूति के लिए अपील करते हैं और उनसे अनुरोध करते हैं कि वे संबंधित मंत्रालय को प्रस्तावित कोटपा संशोधनों को तुरंत वापस लेने का निर्देश दें, क्योंकि वे अत्यंत कठोर हैं।' उन्होंने कहा कि लूज सिगरेट बेचने को संज्ञेय अपराध बनाने और छोटे उल्लंघनों के लिए सात साल की कैद का प्रावधान दुकानदारों के लिए बेहद कठोर है और उनके साथ जघन्य अपराधियों जैसा बर्ताव है।
 

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