फ्यूचर ग्रुप के अधिग्रहण से खुदरा क्षेत्र में मजबूत होगी रिलायंस की उपस्थिति: मूडीज

Edited By jyoti choudhary,Updated: 02 Sep, 2020 06:05 PM

future group s acquisition will strengthen reliance s presence

फ्यूचर ग्रुप के उपभोक्ता कारोबार के अधिग्रहण से खुदरा क्षेत्र में भारत की सबसे बड़ी संगठित रिटेलर कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की उपस्थिति और मजबूत होगी। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने बुधवार को यह टिप्पणी की। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 24,713

नई दिल्लीः फ्यूचर ग्रुप के उपभोक्ता कारोबार के अधिग्रहण से खुदरा क्षेत्र में भारत की सबसे बड़ी संगठित रिटेलर कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की उपस्थिति और मजबूत होगी। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने बुधवार को यह टिप्पणी की। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 24,713 करोड़ रुपए में फ्यूचर एंटरप्राइज लिमिटेड (एफईएल) के उपभोक्ता व्यवसाय का अधिग्रहण करने की पिछले सप्ताह घोषणा की थी। 

रेटिंग एजेंसी ने एक नोट में कहा, ‘‘यह सौदा क्रेडिट के लिहाज से सकारात्मक है, क्योंकि यह भारत की सबसे बड़ी संगठित खुदरा कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की स्थिति खुदरा क्षेत्र में और मजबूत करेगा तथा उसकी आय को भी विस्तृत बनाएगा।'' मूडीज ने कहा कि रिलायंस की कुल संपत्ति करीब 155 अरब डॉलर है और 31 मार्च 2020 को समाप्त हुई तिमाही में कर व ब्याज आदि कटौतियों से पूर्व का लाभ 12.8 अरब डॉलर रहा है। इसको देखते हुए इस सौदे का करीब 3.3 अरब डॉलर का आकार छोटा ही है। उसने कहा, ‘‘अत: इस सौदे को रिलायंस इंडस्ट्रीज की मौजूदा रेटिंग में समायोजित किया जा सकता है। कंपनी की संपत्तियों की हालिया बिक्री और शेयर बेचकर पूंजी जुटाने के अभियान से उसने ठीक-ठाक नकदी जमा की है। फ्यूचर ग्रुप के खुदरा, थोक, रसद (लॉजिस्टिक्स) व भंडारण (वेयरहाउसिंग) कारोबार के अधिग्रहण से रिलायंस इंडस्ट्रीज की उपस्थिति इन श्रेणियों में लगभग दोगुना हो जाएगी।''

मूडीज ने कहा कि इस सौदे से भारत में संगठित खुदरा क्षेत्र में रिलायंस को अपनी उपस्थिति मजबूत बनाने में मदद मिलेगी, क्योंकि वह अभी फ्यूचर ग्रुप के नियंत्रण में अभी परिचालन कर रहे स्टोर के नेटवर्क व इसके मजबूत ब्रांड नाम का दोहन कर सकेगी। इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज को इस सौदे से उन राज्यों व क्षेत्रों में भी पहुंच मिलेगी, जहां अभी उसकी महत्वपूर्ण उपस्थिति नहीं है। मूडीज ने कहा, ‘‘भले ही फ्यूचर ग्रुप के ये निकाय वित्तीय दबाव में हैं लेकिन हमें रिलायंस इंडस्ट्रीज पर इसका असर पड़ने का अनुमान नहीं है, क्योंकि वह (रिलायंस इंडस्ट्रीज) सिर्फ संपत्तियों व व्यवसायों को खरीद रही है।'' 

रिलायंस इंडस्ट्रीज के ऊपर 31 मार्च 2020 तक 21.5 अरब डॉलर का शुद्ध कर्ज था। इसके साथ 3.3 अरब डॉलर के हालिया सौदे को रखते हुए देखें और तुलना करें तो कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स की हिस्सेदारियों की बिक्री, खुदरा ईंधन कारोबार के 49 प्रतिशत हिस्से की बीपी पीएलसी को बिक्री और राइट इश्यू की पहली खेप से अप्रैल 2020 से अब तक करीब 23 अरब डॉलर जुटा चुकी है। 

मूडीज ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि कंपनी अगले कुछ महीने में कम से कम अतिरिक्त आठ-दस अरब डॉलर जुटाएगी, क्योंकि उसे राइट इश्यू से भी धन प्राप्त होना है तथा वह ब्रुकफील्ड एसेट मैनेजमेंट को टावर व्यवसाय बेचने जा रही है।'' एजेंसी ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज आने वाले समय में भी शुद्ध तौर पर ऋण से मुक्त कंपनी बनी रहेगी। 

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