Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Feb, 2023 05:57 PM
भारत की सबसे बड़ी गैस कंपनी गेल अमेरिकी एलएनजी परियोजना में 26 प्रतिशत तक हिस्सेदारी खरीदने पर विचार कर रही है। कंपनी ने बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए आपूर्ति के स्रोत बढ़ाने के मद्देनजर यह फैसला किया। यूक्रेन पर आक्रमण के कारण मास्को पर
नई दिल्लीः भारत की सबसे बड़ी गैस कंपनी गेल अमेरिकी एलएनजी परियोजना में 26 प्रतिशत तक हिस्सेदारी खरीदने पर विचार कर रही है। कंपनी ने बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए आपूर्ति के स्रोत बढ़ाने के मद्देनजर यह फैसला किया। यूक्रेन पर आक्रमण के कारण मास्को पर पश्चिमी प्रतिबंधों के चलते गेल (इंडिया) लिमिटेड पिछले साल रूस के स्वामित्व वाली गाजप्रोम मार्केटिंग एंड ट्रेडिंग (जीएमटीएस) से अनुबंधित एलएनजी नहीं पा सकी थी। जिसके बाद उनकी आपूर्ति बाधित हुई। कंपनी ने अमेरिका स्थित तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) द्रवीकरण संयंत्रों से अभिरुचि पत्र (ईओआई) मांगने के लिए एक निविदा जारी की है। मौजूदा संयंत्र या 2027 तक चालू होने वाले संयंत्र ईओआई जमा कर सकते हैं।
द्रवीकरण संयंत्र प्राकृतिक गैस को तरल रूप में परिवर्तित करते हैं, ताकि इसे समुद्र के रास्ते लाया जा सके। निविदा दस्तावेज के अनुसार कंपनी 2026 की अंतिम तिमाही से 15 वर्षों तक संयंत्र से प्रति वर्ष 10 लाख टन एलएनजी खरीदना चाह रही है। गेल आपूर्ति अनुबंध को और पांच से 10 वर्षों तक बढ़ाने के लिए तैयार है। ईओआई जमा करने की अंतिम तारीख 10 मार्च है। गेल के पास पहले ही अमेरिका से 58 लाख टन एलएनजी खरीदने का अनुबंध है और रूस से आपूर्ति घटने के साथ अर्थव्यवस्था की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कंपनी और अधिक आपूर्ति की तलाश में है।