Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Sep, 2021 12:28 PM
अडानी समूह अगले 10 साल में रिन्युएबल ऊर्जा उत्पादन और कलपुर्जों के निर्माण में 20 अरब डॉलर (करीब 1.40 लाख करोड़ रुपए) का निवेश करेगा। साथ ही दुनिया में सबसे सस्ते हरित इलेक्ट्रॉन का उत्पादन करेगा। यह बात हरित ऊर्जा को लेकर अपने समूह का एजेंडा साफ...
बिजनेस डेस्कः अडानी समूह अगले 10 साल में रिन्युएबल ऊर्जा उत्पादन और कलपुर्जों के निर्माण में 20 अरब डॉलर (करीब 1.40 लाख करोड़ रुपए) का निवेश करेगा। साथ ही दुनिया में सबसे सस्ते हरित इलेक्ट्रॉन का उत्पादन करेगा। यह बात हरित ऊर्जा को लेकर अपने समूह का एजेंडा साफ करते हुए अरबपति उद्योगपति गौतम अडानी ने मंगलवार को कही। उन्होंने कहा कि समूह ने अगले चार वर्ष में अपनी रिन्युएबल ऊर्जा उत्पादन क्षमता को तीन गुना करने, हरित हाइड्रोजन उत्पादन के क्षेत्र में प्रवेश करने, सभी डेटा सेंटर को नवीकरणीय ऊर्जा से चलाने, 2025 तक अपने बंदरगाहों के कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने और 2025 तक हरित प्रौद्योगिकियों में पूंजीगत व्यय का 75 प्रतिशत हिस्सा खर्च करने की योजना बनाई है।
अडानी ग्रुप के प्रमुख ने जेपी मॉर्गन इंडिया इन्वेस्टर समिट में अपने संबोधन के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 20 अरब डॉलर का निवेश नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन, कलपुर्जों के निर्माण, ट्रांसमिशन और वितरण के क्षेत्रों में किया जाएगा।
सबसे सस्ते ग्रीन इलेक्ट्रॉन के निर्माता बनने की राह पर
उद्योगपति ने कहा कि अडानी समूह की "एकीकृत मूल्य श्रृंखला, हमारे आकार और अनुभव के चलते हम दुनिया में सबसे सस्ते ग्रीन इलेक्ट्रॉन के निर्माता बनने की राह पर हैं।" इससे पहले हाल ही में रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी ने भी तीन वर्ष में स्वच्छ ऊर्जा और हाइड्रोजन ईंधन में 75,000 करोड़ रुपए (10 अरब डॉलर) निवेश की घोषणा की है। अंबानी ने इस महीने कहा था कि एक दशक में रिन्युएबल ऊर्जा से एक डॉलर प्रति किलोग्राम की लागत पर हाइड्रोजन बनाई जा सकती है। हाइड्रोजन में कार्बन उत्सर्जन नहीं होता है और इसे उद्योग और ऑटोमोबाइल में ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।