Edited By ,Updated: 21 Dec, 2016 04:20 PM
यूरोपियन यूनियन से निकलने (ब्रेग्जिट) के बाद ब्रिटेन में पैदा हुई हालिया समस्याओं और अपनी तेज आर्थिक वृद्धि की बदौलत भारत ने कभी अपने औपनिवेशिक आका रहे यूनाइटेड किंगडम को अर्थव्यवस्था के आकार के लिहाज से
नई दिल्लीः यूरोपियन यूनियन से निकलने (ब्रेग्जिट) के बाद ब्रिटेन में पैदा हुई हालिया समस्याओं और अपनी तेज आर्थिक वृद्धि की बदौलत भारत ने कभी अपने औपनिवेशिक आका रहे यूनाइटेड किंगडम को अर्थव्यवस्था के आकार के लिहाज से पिछले करीब 150 साल में पहली बार पछाड़ दिया। फोर्ब्स मैगजीन में छपी एक रिपोर्ट में कहा गया है, 'यह नाटकीय बदलाव पिछले 25 सालों से भारत की तेज आर्थिक वृद्धि और पिछले 12 महीनों से पाऊंड की घटती कीमत की वजह से संभव हो सका है।'
रिपोर्ट कहती है कि एक बार यह उम्मीद की जा रही थी कि भारत 2020 तक यूके की जी.डी.पी. से आगे निकल जाएगा लेकिन पिछले 12 महीने में पाऊंड की कीमत में गिरावट के चलते भारत ने यह मुकाम 2016 में ही हासिल कर लिया है।
यूके की 2016 में 1.87 ट्रिलियन ग्रेट ब्रिटेन पाऊंड (जीबीपी) की जी.डी.पी. को एक डॉलर के मुकाबले पाऊंड की 0.81 से कन्वर्ट करने पर यह 2.29 ट्रिलियन डॉलर होती है जबकि भारत की 153 ट्रिलियन रुपए की जी.डी.पी. को एक डॉलर के मुकाबले 66.6 रुपए के हिसाब से कन्वर्ट करने पर यह 2.30 ट्रिलियन पाऊंड हो जाती है।
दिलचस्प बात यह है कि 2011 में सेंटर ऑफ इकोनॉमिक एंड बिजनेस रिसर्च ने भविष्यवाणी की थी कि भारत 2020 तक दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा लेकिन हमने यह मुकाम 4 साल पहले ही हासिल कर लिया है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारत और ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में यह गैप और बढ़ेगी क्योंकि उम्मीद है कि भारत 6-8 प्रतिशत की रफ्तार से विकास करेगा वहीं यूके 1-2 प्रतिशत की रफ्तार से। अगर करेंसी में उतार-चढ़ाव भी आता है तो भी इन आंकड़ों में बहुत ज्यादा अंतर नहीं आएगा।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने इस मौके को सेलिब्रेट करते हुए ट्वीट किया कि यूके को ओवरटेक करते हुए भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। भारत से पहले जर्मनी, जापान, चीन और अमेरिका हैं। बता दें कि इस साल 8 अक्तूबर को आईएमएफ ने भी प्रेडिक्ट किया था कि भारत इस फिस्काल के अंत तक यूरोपियंस को पीछे छोड़ देगा।