Edited By Supreet Kaur,Updated: 14 May, 2018 01:36 PM
एक रिपोर्ट के अनुसार औद्योगिक उत्पादन में मार्च महीने में सुस्ती रहने के बावजूद जनवरी-मार्च तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि बढ़कर 7.7 फीसदी रहने की उम्मीद है। इससे पिछली तिमाही में यह 7.2 फीसदी थी। वित्तीय सेवा प्रदाता नोमुरा ने एक रिपोर्ट में यह...
नई दिल्लीः एक रिपोर्ट के अनुसार औद्योगिक उत्पादन में मार्च महीने में सुस्ती रहने के बावजूद जनवरी-मार्च तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि बढ़कर 7.7 फीसदी रहने की उम्मीद है। इससे पिछली तिमाही में यह 7.2 फीसदी थी। वित्तीय सेवा प्रदाता नोमुरा ने एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है।
नोमुरा के मुताबिक, ‘मार्च में औद्योगिक उत्पादन में नरमी के बावजूद जनवरी-मार्च में औसत औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर 6.2 फीसदी रही, जो कि चौथी तिमाही (अक्तूबर-दिसंबर) के 5.9 फीसदी से अधिक है।’ रिपोर्ट में कहा गया है कि औसत औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि से पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) में समग्र औद्योगिक गतिविधियां मजबूत हुई हैं, जो कि पहली तिमाही में जीडीपी के बढ़कर 7.7 फीसदी रहने के हमारे विचार का समर्थन करती है। निवेश और खपत के चलते देश में क्रमिक सुधार की उम्मीद है। हालांकि, कच्चे तेल के बढ़ते दाम और कठिन वित्तीय स्थिति जैसे कारकों के चलते वृद्धि दर में गिरावट हो सकती है।
हालांकि निकट अवधि में वृद्धि परिदृश्य को लेकर हमारा नजरिया अभी भी आशावादी है, हमें उम्मीद है कि आर्थिक वृद्धि को सुस्त करने वाली कठिन वित्तीय स्थिति एवं कच्चे तेल में तेजी का विपरीत प्रभाव आगे चलकर फीका पड़ जाएगा। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, पूंजीगत सामान उत्पादन में गिरावट तथा खनन गतिविधियां कमजोर पड़ने के कारण मार्च महीने में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि धीमी रहकर 4.4 फीसदी पर रही, जो कि पांच महीने का निचला स्तर है।