Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Jun, 2018 02:39 PM
जर्मनी की अथॉरिटीज ने फॉक्सवैगन पर 1 अरब यूरो (करीब 1.18 अरब डॉलर) का जुर्माना लगाया है। फॉक्सवैगन पर यह जुर्माना डीजल एमिशन स्कैंडल मामले में लगा है। जर्मनी की अथॉरिटीज की ओर से किसी कंपनी पर लगाया गया सबसे बड़ा जुर्माना है।
नई दिल्लीः जर्मनी की अथॉरिटीज ने फॉक्सवैगन पर 1 अरब यूरो (करीब 1.18 अरब डॉलर) का जुर्माना लगाया है। फॉक्सवैगन पर यह जुर्माना डीजल एमिशन स्कैंडल मामले में लगा है। जर्मनी की अथॉरिटीज की ओर से किसी कंपनी पर लगाया गया सबसे बड़ा जुर्माना है।
फॉक्सवैगन ने मानी गलती
जर्मनी की ओर से यह जुर्माना, जनवरी 2017 में अमेरिका की याचिका समझौते के बाद लगाया गया है जहां फॉक्सवैगन ने डीजल इंजन में गैर-कानूनी सॉफ्टवेयर लगाने के लिए 4.3 अरब डॉलर का भुगतान करने पर सहमति जताई थी। जारी बयान में कहा गया कि जांच के बाद फॉक्सवैगन एजी ने जुर्माने को मंजूर किया है और कंपनी ने इसके खिलाफ याचिका दायर नहीं करने की बात कही है। ऐसा करने पर फॉक्सवैगन एजी ने डीजल संकट के लिए अपनी जिम्मेदारी को स्वीकारा है।
पीछा नहीं छोड़ रहा डीजल एमिशन स्कैंडल
ताजा जुर्माना जर्मनी की ऑटो इंडस्ट्री को लगने वाला एक और झटका है जोकि डीजल एमिशन स्कैंडल से उबर नहीं पा रही है। फॉक्सवैगन के अलावा, जर्मनी की सरकार ने सोमवार को डैमलर को करीब 2,40,000 कारों को रिकॉल करने का आदेश दिया है। इन कारों में गैरकानूनी एमिशन कंट्रोल डिवाइस लगाए गए हैं।
2015 में हुआ था फॉक्सवैगन का डीजल स्कैंडल
गौरतबल है कि साल 2015 में एक अमेरिकी एजेंसी ने फॉक्सवैगन की कारों में गड़बड़ी पकड़ी थी। कंपनी ने भी माना था कि पॉल्यूशन जांच को चकमा देने के इरादे से उसने 1.1 करोड़ कारों के सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी की थी।