5 लाख रुपए तक के आभूषणों की खरीद पर नहीं पूछा जाना चाहिए पैन

Edited By ,Updated: 24 Jan, 2017 03:06 PM

gjf wants 5  import tax pan card limit to rs 5 lakh for budget

वर्ष 2016 में भारी उठापटक के दौर से गुजर चुके रत्न एवं आभूषण उद्योग ने सरकार से आग्रह किया है कि 5 लाख रुपए से कम के आभूषणों की खरीद-फरोख्त पर स्थायी खाता संख्या (पैन) कार्ड के उल्लेख की अनिवार्यता नहीं होनी चाहिए।

मुंबईः वर्ष 2016 में भारी उठापटक के दौर से गुजर चुके रत्न एवं आभूषण उद्योग ने सरकार से आग्रह किया है कि 5 लाख रुपए से कम के आभूषणों की खरीद-फरोख्त पर स्थायी खाता संख्या (पैन) कार्ड के उल्लेख की अनिवार्यता नहीं होनी चाहिए। 

उद्योग ने कहा है कि 2017-18 के बजट में सोने पर आयात शुल्क भी घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया जाना चाहिए। अखिल भारतीय रत्न और आभूषण व्यापार महासंघ (जीजेएफ) ने वित्त मंत्री को सौंपे बजटपूर्व ज्ञापन में कहा है कि 5 लाख रुपए से कम के आभूषणों की खरीद-फरोख्त में पैन कार्ड का उल्लेख करने की अनिवार्यता नहीं होनी चाहिए। 5 लाख अथवा इससे अधिक की खरीद-फरोख्त पर ही पैन कार्ड का उल्लेख किया जाना जरूरी होना चाहिए।  

महासंघ के चेयरमैन नितिन खंडेलवाल ने कहा, ‘‘आभूषणों की 2 लाख रुपए अथवा उससे अधिक की खरीद फरोख्त पर पैन कार्ड उल्लेख अनिवार्य किए जाने से उद्योग के समक्ष गंभीर संकट खड़ा हुआ है। रत्न एवं आभूषण का संगठित उद्योग जो कि हर साल 2 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है इस नियम की वजह से सीधे प्रभावित हुआ है। हम सरकार से निवेदन करते हैं कि इस सीमा को पहले की तरह बढ़ाकर 5 लाख अथवा उससे अधिक की खरीद फरोख्त पर रखा जाए।’’  

महासंघ ने यह भी कहा है कि सोने के आयात पर आयात शुल्क को मौजूदा 10 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘सोने पर 10 प्रतिशत के ऊंचे आयात शुल्क से उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इसकी वजह से एक समानांतर अर्थव्यवस्था खड़ी हो रही है और सोने की तस्करी बढ़ रही है। इसका घरेलू खुदरा और विनिर्माण उद्योग पर भी बुरा असर पड़ रहा है। आयात शुल्क को घटाकर 5 प्रतिशत पर लाने से 2 नंबर के बाजार की तरफ रख कम होगा।’’ 
 

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