Edited By ,Updated: 28 Nov, 2016 04:39 PM
ग्लोबल एविएशन इंडस्ट्री में केवल 1.2 फीसदी शेयर रखने वाले भारत पर अब सभी प्रमुख कंपनियों की नजर है। ऐसा इसलिए है कि एयरबस से लेकर बोइंग तक सभी एयरक्रॉफ्ट मैन्युफैक्चरर्स को भारत से ही उम्मीदें दिख रही हैं।
नई दिल्लीः ग्लोबल एविएशन इंडस्ट्री में केवल 1.2 फीसदी शेयर रखने वाले भारत पर अब सभी प्रमुख कंपनियों की नजर है। ऐसा इसलिए है कि एयरबस से लेकर बोइंग तक सभी एयरक्रॉफ्ट मैन्युफैक्चरर्स को भारत से ही उम्मीदें दिख रही हैं। उनकी यह उम्मीद द इंटरनैशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की लेटेस्ट रिपोर्ट भी मजबूत बनाती है। जुलाई 2016 में आई एसोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रति व्यक्ति पैसेंजर से होने वाली इनकम सबसे ज्यादा बढ़ी है। साथ ही आने वाले दिनों में भी सबसे ज्यादा ग्रोथ भारत की रहने की संभावना है।
चीन को भी भारत ने पीछे छोड़ा
द इंटरनैशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन की रिपोर्ट के अनुसार जुलाई में भारत में जहां 26.25 फीसदी की ग्रोथ हासिल की गई है, वहीं चीन में यह 10.2 फीसदी रही है। रिपोर्ट अनुसार भारत में लोगों द्वारा हवाई यात्रा का ज्यादा यूज बढ़ाने और एयरपोर्ट और फ्लाइट की संख्या बढ़ने से ग्रोथ आई है। रिपोर्ट यह भी कहती है कि भारत का सिविल एविएशन मार्केट अभी मेच्योर हो रहा है। जबकि यूएसए, जापान, आस्ट्रेलिया, रुस जैसे मेच्योर मार्केट में डिमांड कम हो रही है। इसी तरह से तेजी से बढ़ने के बावजूद चीन की मार्केट में भी ग्रोथ की उम्मीद कम रह गई है।
भारत से क्यों दिख रही है उम्मीद
डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन के अनुसार भारत में घरेलू पैसेंजर्स की संख्या 2015-16 में 8.56 करोड़ पहुंच चुकी है। जो कि पिछले साल 2014-15 के मुकाबले 21.58 फीसदी बढ़ी है। इसी तरह घरेलू एयरलाइन कैपेसिटी में भी 15.21 फीसदी का इजाफा हुआ है। एविएशन एक्सपर्ट हर्षवर्धन के अनुसार भारत दुनिया के पांच बड़े एविएशन मार्केट में अपनी पहुंच बना चुका है। जो कि अगले 10 साल में अमेरिका और चीन के बाद तीसरा सबसे बड़ा मार्केट होगा। साथ ही अभी भारत की आबादी को देखते हुए एयरलाइंस का यूज करने वालों की संख्या भी बेहद कम है।