Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Feb, 2020 02:55 PM
मूडीज एनालिटिक्स का मानना है कि यदि कोरोना वायरस एक महामारी का रूप लेता है तो वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी के घेरे में आ सकती है। मूडीज एनालिटिक्स के मुख्य अर्थशास्त्री मार्क जैंडी ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार अब इटली और कोरिया...
नई दिल्लीः मूडीज एनालिटिक्स का मानना है कि यदि कोरोना वायरस एक महामारी का रूप लेता है तो वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी के घेरे में आ सकती है। मूडीज एनालिटिक्स के मुख्य अर्थशास्त्री मार्क जैंडी ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार अब इटली और कोरिया में भी हो चुका है। ऐसे में इसके महामारी का रूप लेने की आशंका बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस ने चीन की अर्थव्यवस्था को एक बड़ा झटका दिया है। अब यह पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बन चुका है। कोरोना वायरस का आधिकारिक नाम कोविड-19 है। इसकी शुरुआत दिसंबर, 2019 में चीन के वुहान से हुई थी।
मूडीज एनालिटिक्स ने कहा, ‘‘कोविड-19 वैश्विक अर्थव्यवस्था को कई तरीके से झटका दे रहा है। चीन में व्यापार के मकसद से यात्रा और पर्यटन पूरी तरह ठप हो चुका है। दुनिया भर की एयरलाइन कंपनियों ने चीन के लिए उड़ान रोक दी है। अमेरिका जैसे प्रमुख यात्रा गंतव्यों के लिए भी समस्या खड़ी हो गई है। चीन से हर साल 30 लाख पर्यटक अमेरिका जाते हैं।'' मूडीज ने कहा कि अमेरिका में विदेशी पर्यटकों द्वारा खर्च किए जाने के मामले में चीन के पर्यटक सबसे आगे हैं। यूरोप के लिए यात्रा पर भी असर पड़ा है।
मूडीज एनालिटिक्स ने कहा कि बंद कारखाने चीन की विनिर्माण आपूर्ति श्रृंखला पर निर्भर देशों और कंपनियों के लिए समस्या हैं। एप्पल, नाइक और जनरल मोटर्स ऐसी अमेरिकी कंपनियां हैं जो इससे प्रभावित हैं। जैंडी ने कहा कि चीन में मांग घटने से अमेरिकी निर्यात भी प्रभावित होगा। पिछले साल दोनों देशों के बीच हुए पहले चरण के करार के तहत चीन को अमेरिका से आयात बढ़ाना था। उन्होंने कहा कि पहले से यह सवाल हो रहा था कि चीन वास्तव में अमेरिका से कितनी खरीद करता है। अब कोविड-19 के बाद यह सवाल और बड़ा हो गया है।