हवाई अड्डा कारोबार में हिस्सा बेचेगी जीएमआर

Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Feb, 2019 02:04 PM

gmr will sell share in airport business

जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर की सहायक इकाई जीएमआर एयरपोर्ट्स विभिन्न हवाई अड्डों में अपनी 25 से 30 फीसदी हिस्सेदारी सिंगापुर की जीआईसी और जापान की मित्सुबिशी कॉर्पोरेशन को बेचने की तैयारी कर रही है। इसके लिए बातचीत अंतिम चरण में है।

नई दिल्लीः जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर की सहायक इकाई जीएमआर एयरपोर्ट्स विभिन्न हवाई अड्डों में अपनी 25 से 30 फीसदी हिस्सेदारी सिंगापुर की जीआईसी और जापान की मित्सुबिशी कॉर्पोरेशन को बेचने की तैयारी कर रही है। इसके लिए बातचीत अंतिम चरण में है। जीएमआर एयरपोट्र्स की दिल्ली, हैदराबाद और फिलीपींस के सेबू हवाई अड्डों में हिस्सेदारी है। इस सौदे का ऐलान बहुत जल्द हो सकता है। मर्चेंट बैंकरों ने जीएमआर समूह की हवाई अड्डा संपत्तियों की कीमत करीब 25,000 करोड़ रुपए आंकी है। उनका कहना है कि हिस्सेदारी की बिक्री से जीएमआर समूह को 7,000 से 8,000 करोड़ रुपए मिल सकते हैं। इससे समूह को 19,850 करोड़ रुपए का अपना कुल कर्ज घटाकर करीब 12,500 करोड़ रुपए तक लाने में मदद मिलेगी।
 
जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर ऊर्जा और राजमार्ग के क्षेत्र में भी कारोबार करती है। जीएमआर एयरपोट्र्स में उसकी 91.95 फीसदी हिस्सेदारी है और अब यह अलग कंपनी बन जाएगी।  समूह के एक प्रवक्ता से इस बारे में जानकारी के लिए संपर्क किया गया तो उसने सौदे का ब्योरा तो नहीं दिया लेकिन कहा, 'कई निवेशकों ने हमारे हवाईअड्डों में दिलचस्पी दिखाई है और हम उनका मूल्यांकन कर रहे हैं।' जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर ने इसी महीने घोषणा कि थी कि वह शेयरधारकों के मूल्य का आकलन करना चाहती है और कंपनी के निदेशक मंडल ने विघटन के संभावित विकल्पों का मूल्यांकन करने के लिए एक उप-समिति गठित करने का निर्णय किया था। 
 
जीएमआर एयरपोट्र्स की दिल्ली इंटरनैशनल एयरपोर्ट लि. में 64 फीसदी, हैदराबाद इंटरनैशनल एयरपोर्ट लि. में 63 फीसदी और सेबू इंटरनैशनल एयरपोर्ट में 40 फीसदी हिस्सेदारी है। कंपनी ने गोवा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, ग्रीस के क्रेटे इंटरनैशनल एयरपोर्ट (21.6 फीसदी हिस्सेदारी) और फिलिपींस के क्लार्क इंटरनैशनल एयरपोर्ट (50 फीसदी हिस्सेदारी) की विकास परियोजनाएं हासिल की हैं। भारत सरकार द्वारा निजीकरण के लिए रखे गए 6 हवाई अड्डों को हासिल करने के लिए भी समूह ने बोली लगाई है।
 
विशेषज्ञों के अनुसार इस कदम से समूह को ज्यादा कोष जुटाने में भी मदद मिलेगी जिससे वह अपने हवाई अड्डा कारोबार का विस्तार कर सकती है। निकट भविष्य में भारत और विदेश में कई हवाई अड्डों का निजीकरण किया जाएगा, जिससे समूह को कारोबार बढ़ाने का मौका मिल सकता है। वर्तमान में जीएमआर के पास कुल सालाना 27.5 करोड़ यात्रियों की क्षमता वाले हवाई अड्डे हैं, जिनमें नई परियोजनाएं भी शामिल हैं। इनमें से 8.7 करोड़ यात्रियों की क्षमता परिचालन में है और 7.6 करोड़ निर्माणाधीन हैं। वित्त वर्ष 2019 में समूह के हवाई अड्डों से 7.7 करोड़ यात्रियों की आवाजाही हुई। इनमें से दिल्ली में यात्रियों की संख्या 9 फीसदी से ज्यादा बढ़ी, वहीं हैदराबाद में इस दौरान 20 फीसदी का इजाफा हुआ।
 

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