Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Apr, 2020 03:08 PM
लॉकडाउन के चलते इन दिनों देश व दुनिया के सर्राफा बाजार प्रभावित हो रहे हैं। पिछले एक पखवाड़े में सोने व चांदी की कीमतों में लगातार गिरावट आई है। जानकारों का कहना है कि
नई दिल्लीः लॉकडाउन के चलते इन दिनों देश व दुनिया के सर्राफा बाजार प्रभावित हो रहे हैं। पिछले एक पखवाड़े में सोने व चांदी की कीमतों में लगातार गिरावट आई है। जानकारों का कहना है कि इस वर्ष सोने की मांग में 30 फीसदी की गिरावट दर्ज की जा सकती है। इससे देश की GDP जीडीपी भी सीधे तौर पर प्रभावित होगी क्योंकि लॉकडाउन के चलते सर्राफा जगत पूरी तरह से ठप हो गया है। कोरोना संकट के चलते शादियां निरस्त हो गईं हैं इसलिए शादी की खरीदारी भी बंद ही हो गई है।
इंडियन चैंबर आफ कॉमर्स (ICC) का कहना है कि सोने व चांदी का कारोबार वैवाहिक आयोजनों पर अधिक निर्भर होता है। इसके चलते इस साल सोने वा चांदी के जेवरातों की मांग पर बुरा असर पड़ सकता है। इस साल की शुरुआत में देश में सोने की मांग को लेकर 700 से लेकर 800 टन तक की खपत का अनुमान था लेकिन कोरोना के चलते सब पर असर पड़ गया है। एक अनुमान के अनुसार देश में एक साल में सोने की मांग 850 टन के आसपास होती है।
कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ने से पहले ही बाजार में हलचल सी मच गई थी और कीमतों पर असर पड़ा था। ICC का यह भी कहना है कि इस संकट का बाजार में रोजगार एवं कमाई पर काफी बुरा असर पड़ सकता है। इसके साथ ही चालू वर्ष में सोने की मांग 30 फीसदी घटकर 690 टन तक सीमित हो सकती है।
लॉकडाउन के पहले ही सर्राफा बाजार पर नकारात्मक प्रभाव देखा जा रहा था, लॉकडाउन के बाद तो रत्न एवं आभूषण इंडस्ट्री की भी माली हालत बिगड़ गई है। संस्थानों व फर्म संचालकों के साथ ही कारीगरों पर भी असर हुआ है। रोज कमाने व खाने वाले श्रमिकों के सामने सबसे बड़ा संकट आ गया है। इस उद्योग में करीब 50 लाख लोग काम करते हैं, जो प्रभावित हुए हैं।