Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Jan, 2021 05:26 PM
कोरोना वायरस महामारी के कारण छाई आर्थिक मंदी तथा अमेरिकी डॉलर में सुस्ती के चलते 2020 में सुरक्षित निवेश के तौर पर स्वर्ण आधारित एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में निवेशकों का आकर्षण बढ़ने से गोल्ड- ईटीएफ में 6,657 करोड़ रुपए का
नई दिल्लीः कोरोना वायरस महामारी के कारण छाई आर्थिक मंदी तथा अमेरिकी डॉलर में सुस्ती के चलते 2020 में सुरक्षित निवेश के तौर पर स्वर्ण आधारित एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में निवेशकों का आकर्षण बढ़ने से गोल्ड- ईटीएफ में 6,657 करोड़ रुपए का भारी-भरकम शुद्ध निवेश किया गया। इससे पहले साल 2019 में स्वर्ण ईटीएफ में महज 16 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश देखने को मिला था।
हालांकि, 2019 में लगातार छह साल की शुद्ध निकासी के बाद इसमें शुद्ध खरीदारी हुई। इससे पहले वे वैश्विक सुस्ती तथा इक्विटी व डेट बाजारों में उथल-पुथल के चलते लगातार निकासी कर रहे थे। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2020 के अंत तक स्वर्ण कोषों के प्रबंधनाधीन कुल संपत्ति साल भर पहले के 5,768 करोड़ रुपए की तुलना में दो गुना से अधिक बढ़कर 14,174 करोड़ रुपए पर पहुंच गई। पिछले साल यानी 2020 के दौरान सोना निवेशकों के लिए सुरक्षित निवेश तथा सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले साधनों में से एक बनकर उभरा।
इसी कारण निवेशकों ने 2020 में 14 स्वर्ण ईटीएफ में 6,657 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया। पूरे 2020 के दौरान देखें तो मार्च और नवंबर महीने को छोड़ शेष सभी महीने के दौरान स्वर्ण ईटीएफ में शुद्ध निवेश देखा गया। शुद्ध निवेश से तात्पर्य ईटीएफ की बिक्री करने वालों के मुकाबले खरीदार अधिक रहे। मॉर्निंगस्टार इंडिया के शोध प्रबंधक व सहायक निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते आई आर्थिक मंदी, अमेरिका डॉलर में नरमी तथा अमेरिका-चीन के बीच तनाव जैसे कई कारकों के कारण निवेशक स्वर्ण इटीएफ की ओर आकर्षित हुए।