गोल्डमैन का 2019-20 में वृद्धि दर 5.3% रहने का अनुमान

Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Dec, 2019 06:33 PM

goldman forecasts growth rate of 5 3 percent in 2019 20

ब्रोकरेज कंपनी गोल्डमैन सैश ने भी भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटा दिया है। हालांकि कंपनी ने अगले साल इक्विटी सूचकांक में 8.5 प्रतिशत वृद्धि की संभावना जताई है। गोल्डमैन सैश की रिपोर्ट के अनुसार देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि

मुंबईः ब्रोकरेज कंपनी गोल्डमैन सैश ने भी भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटा दिया है। हालांकि कंपनी ने अगले साल इक्विटी सूचकांक में 8.5 प्रतिशत वृद्धि की संभावना जताई है। गोल्डमैन सैश की रिपोर्ट के अनुसार देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 5.3 प्रतिशत रह सकती है जबकि पूर्व में इसके 6 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था। पिछले सप्ताह दूसरी तिमाही के जीडीपी वृद्धि के आंकड़े आने के बाद ब्रोकरेज कंपनी ने अनुमान कम किया है। सरकारी आंकड़े के अनुसार चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रही जो 26 तिमाही का न्यूनतम स्तर है। इससे पहले जापान की नोमुरा ने आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटाते हुए 2019-20 में इसके 4.9 प्रतिशत रहने की संभावना जताई। 

गोल्डमैन सैश की मुख्य अर्थशास्त्री प्राची मिश्रा ने कहा कि आर्थिक वृद्धि बहुत नीचे आ गई है और यहां से इसमें सुधार की उम्मीद है। इसमें उम्मीद की तुलना में तेजी से सुधार की संभावना है। उन्होंने कहा कि अपेक्षाकृत बेहतर वैश्विक आर्थिक स्थिति, एनबीएफसी समस्या से संबद्ध घरेलू वित्तीय संकट के कमजोर होने, सकारात्मक राजकोषीय उपायों से वृद्धि में तेजी की उम्मीद है। रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय में काम कर चुकी मिश्रा ने कहा कि आर्थिक स्थिरीकरण के शुरूआती संकेत है। उन्होंने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए बृहस्पतिवार को नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है। 

हालांकि मुद्रास्फीति के 4 प्रतिशत के स्तर पर पहुंचने को देखते हुए आने वाले समय में रेपो दर में कटौती पर विराम लगा सकता है। ब्रोकरेज कंपनी ने यह भी कहा कि घाटा एफआरबीएम (राजकोषीय जवाबदेही और बजट प्रबंधन कानून) कानून के लक्ष्य से ऊपर जा सकता है और यह 2019-20 में 3.6 प्रतिशत रह सकता है। हालांकि मिश्रा ने कहा कि पहले भी राजकोषीय घाटे के लक्ष्य से कई बार चूक हुआ है और जीएसटी जैसे सुधारों को देखते हुए इसे अधिक प्रतिकूल रूप से नहीं देखा जा सकता। ब्रोकरेज कंपनी ने यह भी कहा कि वृहत और कंपनियों की कमाई के आधार पर इक्विटी सूचकांक में लगभग 8.5 प्रतिशत की वृद्धि हो सकता है। निफ्टी अभी 12,000 के आसपास है और 2020 के अंत में यह 13,000 अंक तक जा सकता है।  
 

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