AGR के बकाए का टुकड़ों में भुगतान का फैसला अच्छा, मोबाइल दरों में वृद्धि जरूरी: वोडा आइडिया

Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Sep, 2020 02:38 PM

good decision to pay agr dues in pieces increase in mobile rates

संकट में फंसी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया लि. (वीआईएल) ने उच्चतम न्यायालय द्वारा ऑपरेटरों को समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) का बकाया चुकाने के लिए 10 साल का समय देने के फैसले को अंतत: एक अच्छा नतीजा बताया है। हालांकि, इसके साथ ही वोडाफोन

नई दिल्लीः संकट में फंसी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया लि. (वीआईएल) ने उच्चतम न्यायालय द्वारा ऑपरेटरों को समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) का बकाया चुकाने के लिए 10 साल का समय देने के फैसले को अंतत: एक अच्छा नतीजा बताया है। हालांकि, इसके साथ ही वोडाफोन आइडिया का मानना है कि मोबाइल शुल्कों में बढ़ोतरी जरूरी है, तभी दूरसंचार कंपनियां टिक सकेंगी और मुनाफे की स्थिति में लौट सकेंगी। 

दूरसंचार कंपनी को मिलेगी बड़ी राहत
वोडाफोन आइडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रविंदर टक्कर ने सोमवार को एक वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पूर्व में कंपनी शुल्क बढ़ाने से नहीं हिचकिचाती थी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नियामक और सरकार को न्यनूतम दर की अधिकतम सीमा तय करने के लिए कदम उठाना चाहिए। वोडाफोन आइडिया के निदेशक मंडल ने पिछले सप्ताह इक्विटी और ऋण के जरिए 25,000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना को मंजूरी दी है। इससे कंपनी को परिचालन में बने रहने में मदद मिलेगी। इस राशि से नकदी संकट से जूझ रही दूरसंचार कंपनी को बड़ी राहत मिल सकेगी।

AGR भुगतान के लिए 10 साल का दिया समय
कंपनी को जहां भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है वहीं उसके ग्राहकों की संख्या घट रही है तथा प्रति ग्राहक औसत राजस्व (एआरपीयू) नीचे आ रहा है। इसके अलावा कंपनी पर करीब 50,000 करोड़ रुपए का एजीआर का बकाया है। इससे पहले इसी महीने उच्चतम न्यायालय ने दूरसंचार कंपनियों को एजीआर के बकाए का भुगतान दस साल में करने की अनुमति दी है। इसकी शुरुआत अगले वित्त वर्ष से होगी। हालांकि, कंपनियों को 10 प्रतिशत बकाया का भुगतान इसी वित्त वर्ष में करना होगा।

टुकड़ों में भुगतान का फैसला एक महत्वपूर्ण कदम 
टक्कर ने कहा, ‘‘10 साल में भुगतान न्यायालय के फैसले का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके अलावा 10 प्रतिशत का शुरुआती भुगतान करना होगा, जो कंपनी पहले ही दूरसंचार विभाग को अदा कर चुकी है। ऐसे में न्यायालय के फैसले के अनुरूप हमें पहला भुगतान मार्च, 2022 में करना होगा। यह दस साल के भुगतान की पहली किस्त होगी। अंतत: इस फैसले का नतीजा अच्छा रहा है।'' उन्होंने उच्चतम न्यायालय के टुकड़ों में भुगतान के फैसले को एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह काफी उपयोगी होगा, क्योंकि हम अपनी 10 साल की यात्रा की योजना बना सकेंगे। उन्होंने भुगतान के लिए 10 साल का समय देने पर न्यायालय का आभार जताया। 

मोबाइल शुल्कों में बढ़ोतरी पर उन्होंने कहा कि समूचे उद्योग का मानना है कि भारत में दरें टिकने योग्य नहीं हैं। कंपनियों को अपनी लागत से कम पर बिक्री करनी पड़ रही है। पिछले वर्षों के दौरान डेटा और वॉयस के इस्तेमाल में भारी वृद्धि का उल्लेख करते हुए टक्कर ने कहा कि लघु अवधि मोबाइल दरों में बढ़ोतरी जरूरी है।
 

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