जल्द ही आपके घर सामान पहुंचाएगा ड्रोन, पॉलिसी के ड्राफ्ट रूल को जल्द किया जा सकता है पेश

Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Jan, 2019 12:49 PM

goods delivery by drones gets closer to reality updated policy unveiled

सरकार ड्रोन पॉलिसी के दूसरे फेज में उसके पायलट की नजरों के सामने रहने की जरूरत खत्म कर सकती है। सरकार ने मंगलवार को इस योजना का ऐलान किया। पॉलिसी के ड्राफ्ट रूल को जल्द पेश किया जा सकता है।

नई दिल्लीः सरकार ड्रोन पॉलिसी के दूसरे फेज में उसके पायलट की नजरों के सामने रहने की जरूरत खत्म कर सकती है। सरकार ने मंगलवार को इस योजना का ऐलान किया। पॉलिसी के ड्राफ्ट रूल को जल्द पेश किया जा सकता है। इस प्रपोजल की जानकारी उद्योग चैंबर फिक्की के साथ सिविल एविएशन मिनिस्ट्री की तरफ से आयोजित दो दिन के ग्लोबल एविएशन शो में दी गई। 

एविएशन मिनिस्टर जयंत सिन्हा ने कहा, 'प्रायरिटी इंडिया को ड्रोन ऑपरेशंस में लीडरशिप पोजिशन में लाने की है। मैं उम्मीद करता हूं कि ड्रोन 2.0 जल्द वजूद में होगा।' उन्होंने कहा कि मार्केट कितनी तेजी से ड्रोन सिस्टम को अपनाता है, यह देखने के लिए बस पब्लिक प्लेटफॉर्म बनाने भर की देर है। सिन्हा ने कहा, 'हमें ड्रोन ऑपरेशन से जुड़ी गंभीर चुनौतियों को दूर करने के लिए उस पर बारीकी से काम करने की जरूरत है। हमें ड्रोंस का सुरक्षित और कानूनी इस्तेमाल सुनिश्चित करना होगा।' 

सरकार ने ड्रोन से जुड़ी पॉलिसी के तहत देश में ड्रोन की मैन्युफैक्चरिंग के लिए 100 फीसदी एफडीआई की इजाजत देते हुए ड्रोन पोर्ट के साथ ही डेडिकेटेड ड्रोन कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव दिया है। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) को अब पॉलिसी ड्राफ्ट जारी करना होगा और यह तभी लागू हो पाएगा जब रूल्स को मंजूरी मिल जाएगी। पिछले साल 27 अगस्त को सरकार की तरफ से ड्रोन पॉलिसी का ऐलान किए जाने से भारत का नाम चुनिंदा देशों की सूची में आ गया।

केंद्र सरकार ने तब कहा था कि वह 1 दिसंबर से ड्रोन के ऑपरेशन की इजाजत देगी। सरकार ने ड्रोन को उनके वजन और इस्तेमाल के हिसाब से पांच कैटेगरी में बांटा था- नैनो, माइक्रो, छोटा, मझोला और बड़ा। इनका वजन 250 ग्राम से 150 किलो से ज्यादा हो सकता है। सबसे छोटे नैनो कैटेगरी को छोड़कर बाकी माइक्रो, स्मॉल, मीडियम और लार्ज जैसी दूसरी कैटेगरी के लिए यूजर को रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जिन नैनो ड्रोन का इस्तेमाल बच्चों के खेल कूद के सामान के तौर पर होगा उनके लिए रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं होगी। 

हालांकि घोषित समय पर पॉलिसी पूरी तरह लागू नहीं हो पाई लेकिन सरकार ने ड्रोन का रजिस्ट्रेशन कराने की इजाजत दे दी है। पॉलिसी का कार्यान्वयन रजिस्ट्रेशन प्रोसेस कंपलीट होने के बाद शुरू हो सकेगा। हालांकि सिन्हा ने यह भी कहा कि भारत में पहले ही बड़ी संख्या में ड्रोन का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। सरकार के अनुमान के मुताबिक देश में अब तक 40,000 ड्रोंस हैं जिनकी संख्या अगले पांच साल में 10 लाख को पार कर सकती हैं। 

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