Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 May, 2019 10:46 AM
नागर विमानन मंत्रालय ने सरकारी विमानन कंपनी को अपना और अपनी अनुषंगियों के लिए वित्त वर्ष 2018-19 का लेखा-जोखा जून अंत तक तैयार करने को कहा है। एक आधिकारिक दस्तावेज में इसकी जानकारी मिली है।
नई दिल्लीः नागर विमानन मंत्रालय ने सरकारी विमानन कंपनी को अपना और अपनी अनुषंगियों के लिए वित्त वर्ष 2018-19 का लेखा-जोखा जून अंत तक तैयार करने को कहा है। एक आधिकारिक दस्तावेज में इसकी जानकारी मिली है। मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा एयर इंडिया की तीन इकाइयों के विनिवेश की प्रक्रिया को तेज करने का निर्णय लिए जाने के बाद यह निर्देश दिया है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली एक समिति द्वारा पिछले साल मई में एयर इंडिया के विनिवेश की कोशिश असफल होने के बाद जून में इसे कुछ समय के लिए टालने का निर्णय लिया गया। समिति ने इसके बाद कंपनी में पैसा लगाने तथा जमीन एवं अन्य संपत्तियां बेचकर कर्ज कम करने का निर्णय लिया। एयर इंडिया के ऊपर करीब 55 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है।
प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा की अध्यक्षता में इस साल एक अप्रैल को प्रधानमंत्री कार्यालय में एक बैठक हुई जिसमें एयर इंडिया तथा उसकी अनुषंगियों के रणनीतिक विनिवेश के संबंध में चर्चा की गई। नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने एयर इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अश्वनी लोहानी को छह मई को लिखे एक पत्र में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक अप्रैल को एक बैठक हुई जिसमें एयर इंडिया की तीन अनुषंगियों एयर इंडिया एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड, एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड और एयरलाइन अलाय्ड सर्विसेज लिमिटेड की विनिवेश की प्रक्रिया तेज करने का निर्णय लिया गया।''
खरोला ने कहा कि एयर इंडिया और अनुषंगियों की विनिवेश प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए उनके 2018- 19 के आडिट किए वित्तीय लेखा-जोखा की जरूरत होगी। ‘‘इस लिए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया एयर इंडिया और उसकी अनुषंगियों के 2018- 19 के वित्तीय परिणाम को जून के आखिर तक अंतिम रूप दें दें।'' उन्होंने कहा कि चूंकि 2018-19 का वित्तीय लेखा-जोखा कंपनी के लिए निविदा का आधार होगा, इसलिए यह आवश्यक हो जाता है कि इन्हें सावधानी से तैयार किया जाए ताकि इससे सही वित्तीय स्थिति का पता चल सके। सचिव ने एयर इंडिया के सीएमडी को यह भी कहा है कि सभी लंबित विवादों की भी एक सूची तैयार की जानी चाहिए।