Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Jul, 2022 01:41 PM
इस्पात मंत्रालय ने इस्पात उद्योग में हितधारकों से कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए एक समयबद्ध कार्य योजना तैयार करने को कहा है। मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार की सीओपी26 प्रतिबद्धताओं के तहत ऐसा किया जाना है।
नई दिल्लीः इस्पात मंत्रालय ने इस्पात उद्योग में हितधारकों से कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए एक समयबद्ध कार्य योजना तैयार करने को कहा है। मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार की सीओपी26 प्रतिबद्धताओं के तहत ऐसा किया जाना है।
मंत्रालय के एक दस्तावेज के अनुसार वैश्विक स्तर पर कुल वार्षिक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में लोहा और इस्पात उद्योग का लगभग आठ प्रतिशत हिस्सा है। दूसरी ओर भारत में कुल कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में इस क्षेत्र का योगदान 12 प्रतिशत है। इस तरह सीओपी26 जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में की गई प्रतिबद्धताओं को देखते हुए भारतीय इस्पात उद्योग को अपने उत्सर्जन में पर्याप्त कमी करने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2021 में सीओपी26 वैश्विक जलवायु शिखर सम्मेलन में कहा था कि भारत 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को पूरा करेगा। इस्पात मंत्री राम चंद्र प्रसाद सिंह ने हाल में हुई एक बैठक में हितधारकों से एक समयबद्ध कार्य योजना तैयार करने और सीओपी26 में सरकार द्वारा की गई प्रतिबद्धताओं के अनुरूप इस्पात उद्योग से उत्सर्जन को कम करने के लिए ठोस प्रयास करने का आग्रह किया।