Edited By ,Updated: 24 Dec, 2016 04:28 PM
नोटबंदी की घोषणा के बाद से देश के लोग डिजिटल भुगतान की ओर बढ़ रहे हैं इसलिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लोगों को ऑनलाइन फ्रॉड और हैकिंग से बचाने के लिए ई-वॉलिट और ई-कॉमर्स कंपनियों को अपनी साइबर सिक्यॉरिटी को पुख्ता करने के निर्देश जारी किए हैं।
नई दिल्लीः नोटबंदी की घोषणा के बाद से देश के लोग डिजिटल भुगतान की ओर बढ़ रहे हैं इसलिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लोगों को ऑनलाइन फ्रॉड और हैकिंग से बचाने के लिए ई-वॉलिट और ई-कॉमर्स कंपनियों को अपनी साइबर सिक्यॉरिटी को पुख्ता करने के निर्देश जारी किए हैं।
गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इंफोरमेशन टेक्नॉलजी और सभी संबंधित विभागों व एजेंसियों को हाल ही में इस बात के लिए चेताया गया था कि डिजिटल पेमेंट ट्रांजैक्शनों पर साइबर खतरा बढ़ गया है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'हमने डिजिटल वॉलिट और ई-कॉमर्स कंपनियों को डिजिटल मोड में सिक्यॉर पेमेंट सुनिश्चित करने को कहा है। यह पेटीएम के साथ किए गए कथित साइबर फ्रॉड के आरोपों के बाद और भी जरूरी हो गया है।' उन्होंने कहा, 'कैशलेस इकॉनमी बनाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए सरकार अधिक से अधिक लोगों को डिजिटल पेमेंट अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसलिए साइबर फ्रॉड और हैकिंग के खिलाफ संबंधित विभागों को सावधान करना एक जरूरी कदम है।'
हाल में एक रिपोर्ट में बताया गया था कि डेप्युटी नैशनल सिक्यॉरिटी अडवाइजर अरविंद गुप्ता ने तेजी से डिजिटल होती बैंकिग इंडस्ट्री पर बढ़ते खतरे के लिए भी चेताया था। कुछ दिन पहले उन्होंने कहा था कि बैंकों पर कई हाई प्रोफाइल हमले किए गए हैं जोकि एक चिंताजनक पहलू है। वह कह चुके हैं, 'साइबर सिक्यॉरिटी इस समय नैशनल सिक्यॉरिटी अजेंडा में सबसे ऊपर है और यह मुद्दा इस समय अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा अजेंडा में परमाणु सुरक्षा से भी अधिक मायने रखता है।' उन्होंने बैंकिंग इंडस्ट्री से आने वाले फाइनैंशल सिक्यॉरिटी फ्रॉड के बारे में बताने को भी कहा है ताकि उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जा सके।