Edited By Supreet Kaur,Updated: 26 Aug, 2019 10:02 AM
पाकिस्तान के लिए कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। कूटनीतिक मोर्चे पर लगातार मात खाने के बीच अब अंदरूनी हालात भी बदतर होते जा रहे हैं। मुल्क की अर्थव्यवस्था बहुत गहरे संकट में है। मजबूरी में अब सरकार को नई सरकारी नौकरियों पर रोक लगाने का कदम उठाना पड़ा ....
इस्लामाबादः पाकिस्तान के लिए कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। कूटनीतिक मोर्चे पर लगातार मात खाने के बीच अब अंदरूनी हालात भी बदतर होते जा रहे हैं। मुल्क की अर्थव्यवस्था बहुत गहरे संकट में है। मजबूरी में अब सरकार को नई सरकारी नौकरियों पर रोक लगाने का कदम उठाना पड़ा है। वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी आफिस मैमोरंडम में कहा गया है कि अब सरकार विभागों में कोई नया वाहन भी नहीं खरीदेगी।
देश का वित्तीय घाटा बढ़ा
एक पाकिस्तानी टीवी चैनल की वैबसाइट में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि इमरान सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद देश का वित्तीय घाटा बढ़ता गया है। यहां बता देना जरूरी है कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा दिए गए कर्ज की सबड़े बड़ी शर्त यही है कि सरकार खर्चे घटाएगी और वित्तीय घाटे पर काबू पाएगी।
आर्थिक बदहाली से बचने के लिए ये फैसले भी किए
- किसी भी सरकारी अधिकारी द्वारा केवल एक ही अखबार या पत्रिका खरीदने पर रोक पहले की तरह जारी रहेगी।
- प्रधान अकाऊंट अधिकारियों की जवाबदेही होगी कि वे बिजली, गैस, टैलीफोन आदि का कम से कम इस्तेमाल करें।
- सरकार विकासपरक योजनाओं को छोड़कर अन्य किसी भी काम के लिए नए सरकारी पद का सृजन नहीं करेगी।
- सरकार जरूरत पडऩे पर मोटरसाइकिल को छोड़कर कोई नया वाहन नहीं खरीदेगी।
- सरकारी कार्यालय में कागज पर हो रहे खर्च को कम करने के लिए इसकी खपत को घटाने का फैसला लिया गया है।
- अब सरकारी दफ्तरों में कागज के दोनों तरफ के पेज इस्तेमाल किए जाएंगे।
- सभी मंत्रालय व प्रभागों से अनुरोध है कि वे सख्त खर्चे में कटौती का अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए प्रशासनिक नियंत्रण में सभी विभागों को निर्देश जारी करें।