सरकार ठेके पर विनिर्माण में दे सकती है 100 प्रतिशत FDI की मंजूरी

Edited By Supreet Kaur,Updated: 12 Aug, 2019 04:59 PM

government can approve 100 percent fdi in contract manufacturing

सरकार विदेशी निवेश आकर्षित करने के इरादे से ठेके पर विनिर्माण के क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की मंजूरी देने के प्रस्ताव पर काम कर रही है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। मौजूदा विदेशी निवेश नीति के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में...

नई दिल्लीः सरकार विदेशी निवेश आकर्षित करने के इरादे से ठेके पर विनिर्माण के क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की मंजूरी देने के प्रस्ताव पर काम कर रही है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। मौजूदा विदेशी निवेश नीति के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में स्वत: मंजूरी मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है। विनिर्माता को भारत में विनिर्मित उत्पादों को बिना सरकार की मंजूरी के ई-वाणिज्य समेत थोक और खुदरा माध्यमों से बेचने की भी अनुमति है।

उसने कहा, ‘‘मौजूदा नीति में ठेके पर विनिर्माण के बारे में कुछ नहीं कहा गया है और इस बारे में चीजें स्पष्ट नहीं है। दुनिया भर में प्रौद्योगिकी क्षेत्र की बड़ी कंपनियां अनुबंध आधार पर विनिर्माण को पसंद कर रही हैं। इसीलिए इस मामले में स्पष्टीकरण की जरूरत है और सरकार इस पर सकारात्मक रूप से विचार कर रही है।'' वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय एक प्रस्ताव पर काम कर रहा है जिसे जल्दी ही अंतिम रूप दिया जाएगा और मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास भेजा जाएगा। इस बारे में डेलायट इंडिया के भागीदार रजत वाही ने कहा कि अगर सरकार इस कदम को मंजूरी देती है, इससे विनिर्माण क्षेत्र को गति मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘यह एपल जैसी प्रौद्योगिकी आधारित कंपनियों के लिये स्वागत योग्य प्रस्ताव है।''

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विदेशी निवेश आकर्षित करने के इरादे से जुलाई में अपने बजट भाषण में विमानन, एवीजीसी (एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट, गेमिंग और कामिक्स), बीमा और एकल खुदरा ब्रांड जैसे क्षेत्रों में एफडीआई नियमों में ढील देने का प्रस्ताव किया था। भारत में एफडीआई 2018-19 में एक प्रतिशत घटकर 44.36 अरब डॉलर रहा। पिछले साल सरकार ने एकल खुदरा ब्रांड, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों तथा निर्माण समेत विभिन्न क्षेत्रों के लिए एफडीआई नियमों में ढील दी थी। देश की आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए बंदरगाह, हवाईअड्डा और राजमार्ग जैसे बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिये अरबों डालर की जरूरत है। इस लिहाज से भारत में विदेशी निवेश काफी महत्वपूर्ण है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ने से देश का भुगतान संतुलन भी बेहतर रहता है और दूसरी वैश्विक मुद्राओं के समक्ष रुपये की कीमत को मजबूती मिलती है।

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