नकली मक्खन की बिक्री पर रोक लगा सकती है सरकार, गडकरी ने PM मोदी को लिखा पत्र

Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Aug, 2020 12:44 PM

government can ban the sale of fake butter gadkari wrote to pm modi

धड़ल्ले से बिकने वाले नकली मक्खन बेचने वालों पर सरकार जल्द ही रोक लगा सकती है। इस मामले में दखल देने के लिए केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। गडकरी ने कहा है कि नकली मक्खन के इस्तेमाल से

नई दिल्लीः धड़ल्ले से बिकने वाले नकली मक्खन बेचने वालों पर सरकार जल्द ही रोक लगा सकती है। इस मामले में दखल देने के लिए केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। गडकरी ने कहा है कि नकली मक्खन के इस्तेमाल से न सिर्फ लोगों की सेहत पर गंभीर असर पड़ रहा, बल्कि पशुपालकों और किसानों को वित्तीय नुकसान भी उठाना पड़ता है। 

मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि गडकरी के पत्र पर त्वरित संज्ञान लेते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय ने भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) को कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। पीएमओ ने कहा है कि एफएसएसएआई तत्काल स्पष्टीकरण और निर्देश जारी करे। साथ ही खाद्य उत्पादों में नकली मक्खन के इस्तेमाल को लेकर भविष्य के लिए गाइडलाइन भी तैयार करे।

इसमें बड़ी मात्रा में ट्रांसफैट (संतृप्त वसा) रहती है जो शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ाकर कई गंभीर बीमारियां पैदा कर सकता है। डेयरी से बनने वाले मक्खन की तुलना में यह काफी सस्ता पड़ता है, इसीलिए होटल, रेस्तरां और पेस्ट्री, पिज्जा, कुकीज व क्रैकर्स जैसे खाद्य उत्पादों में इसका बहुत इस्तेमाल होता है।
 
किसानों की आमदनी में सेंध
गडकरी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखे पत्र में कहा कि नकली मक्खन की वजह से गाय और भैंस के दूध से बनने वाले डेयरी के मक्खन की बिक्री कम होती है। इसका नुकसान किसानों की आमदनी पर पड़ता है। एफएसएसएआई ने खाद्य उत्पाद मानक एवं खाद्य योजक नियम 2011 में बदलाव कर नकली मक्खन को भी डेयरी उत्पादों का हिस्सा बना दिया है, ताकि इसके इस्तेमाल पर बाकायदा लेबलिंग की जा सके। 

2022 तक घटाएंगे ट्रांस फैट की मात्रा
एफएसएसएआई ने स्पष्ट कहा है कि बेकरी या औद्योगिक रूप से बनाए गए नकली मक्खन में ट्रांस फैट की मात्रा 5 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। बावजूद इसके बाजार में बिकने वाले नकली मक्खन में यह मात्रा मानक से कई गुना ज्यादा रहती है। एफएसएसएआई के अनुसार, 2021 तक खाद्य तेलों और उत्पादों में ट्रांस फैट की मात्रा घटाकर 3 फीसदी और 2022 तक 2 फीसदी किए जाने का लक्ष्य है। साथ ही अगर किसी उत्पाद में ट्रांस फैट या संतृप्त वसा का इस्तेमाल किया गया है तो उसके लेबल पर मात्रा का उल्लेख करना जरूरी होगा।

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