ई वाहनों की खरीद पर 50,000 रुपए की छूट दे सकती है सरकार

Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Feb, 2019 02:48 PM

government can give a discount of rs 50 000 on e vehicles purchase

सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकलस की खरीदारी पर लोगों को इंसेंटिव देने की योजना बना रही है। इसके तहत 50,000 रुपए तक की छूट दी जा सकती है। इन गाड़ियों की खरीदारी को प्रॉयरिटी सेक्टर लेंडिंग के तहत लाने और इनसे जुड़े लोन पर ब्याज दर कम करने की योजना है।

नई दिल्लीः सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकलस की खरीदारी पर लोगों को इंसेंटिव देने की योजना बना रही है। इसके तहत 50,000 रुपए तक की छूट दी जा सकती है। इन गाड़ियों की खरीदारी को प्रॉयरिटी सेक्टर लेंडिंग के तहत लाने और इनसे जुड़े लोन पर ब्याज दर कम करने की योजना है। मामले से वाकिफ एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने बताया कि यह कदम देश में इलेक्ट्रिक व्हीकलस की मैन्युफैक्चरिंग और बिक्री बढ़ाने की सरकार की कोशिश का हिस्सा है। 

सरकार चाहती है कि अगले पांच वर्षों में गाड़ियों की कुल बिक्री में इलेक्ट्रिक व्हीकलस का हिस्सा 15 प्रतिशत तक पहुंच जाए। अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में कैबिनेट नोट तैयार किया जा रहा है और निर्णय जल्द किया जा सकता है। उन्होंने कहा, 'मकसद पर्याप्त इंसेंटिव देने का है ताकि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के दाम मौजूदा परंपरागत इंटरनल कंबशन इंजनरों के आसपास हो जाएं। इससे संभावित ग्राहक परंपरागत गाड़ियों पर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को तरजीह देंगे।' 

उन्होंने बताया कि यह योजना पहले चरण में एक तय अवधि तक चुनिंदा शहरों में लागू की जाएगी। इंसेंटिव्स को बैटरी के आकार और गाड़ी के प्रकार के आधार पर तय किया जा सकता है। देश में वायु प्रदूषण की समस्या को देखते हुए स्वच्छ ऊर्जा के स्रोतों का उपयोग बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। 

इन गाड़ियों को चार्ज करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बड़े पैमाने पर तैयार करना होगा। संबंधित मंत्रालयों ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को देश में तैयार करने में मदद देने और इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए पहले ही नोटिफिकेशन जारी कर दिए हैं। यह कदम प्रधानमंत्री कार्यालय के दखल देने के बाद उठाया गया। 

देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की लोकप्रियता काफी कम रहने का एक बड़ा कारण इनका ऊंचा दाम है। सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के अनुसार, इनका दाम परंपरागत गाड़ियों से करीब दो से ढाई गुना ज्यादा है। एक अन्य चिंता प्रति चार्ज इन गाड़ियों की रेंज को लेकर भी है। यह सवाल इस बात के बावजूद है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की ऑपरेटिंग कॉस्ट परंपरागत गाड़ियों की ऑपरेटिंग कॉस्ट के 25 प्रतिशत के बराबर हो सकती है। 

वित्त वर्ष 2018 में भारत में कुल 56000 इलेक्ट्रिक गाड़ियां बिकीं। वित्त वर्ष 2017 में यह आंकड़ा 25000 गाड़ियों का था। वित्त वर्ष 2018 में 54800 इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बिके, वहीं 2017 में यह संख्या 23000 थी। हालांकि वित्त वर्ष में 2000 इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर्स की बिक्री के मुकाबले वित्त वर्ष 2018 में आंकड़ा 1200 पर आ गया। सियाम के डेटा से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2018 में देश में कुल 33 लाख गाड़ियां बिकीं, वहीं 20.2 लाख टू-व्हीलर बिके। 

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