Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Apr, 2020 05:59 PM
कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से 25 मार्च से ही देश भर में टोल कलेक्शन बंद है। अब तक टोल ऑपरेटर्स के इस वजह से हजारों करोड़ का नुकसान हो चुका है। अब सरकार इसकी भरपायी के लिए टोल ऑपरेटर्स
नई दिल्लीः कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से 25 मार्च से ही देश भर में टोल कलेक्शन बंद है। अब तक टोल ऑपरेटर्स के इस वजह से हजारों करोड़ का नुकसान हो चुका है। अब सरकार इसकी भरपायी के लिए टोल ऑपरेटर्स को मुआवजा देने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक सड़क परिवहन मंत्रालय ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण NHAI से ही इसे मुआवजा देने के लिए कहा है। रेवेन्यू को हो रहे नुकसान के लिए सरकार टोल ऑपरेटर्स के कॉंट्रैक्ट का समय बढ़ा सकती है।
जितने दिन लॉकडॉउन की वजह से टोल कलेक्शन बंद रहेंगें उतने दिन टोल ऑपरेटर्स के कॉंट्रैक्ट में जोड़ दिए जाएंगे। मगर ऑपरेशन और मेंटेनेंस पे हो रहे खर्च को NHAI को ही वहन करना पड़ेगा। NHAI के एक अधिकारी ने कहा कि एनएचएआई इस अवधि के दौरान होने वाले नुकसान के लिए टोल ऑपरेटरों को भुगतान करने पर विचार कर रही है।
ऐसी ही स्थिति नोटबंदी के वक्त आई थी। उस वक्त टोल प्लाजा बंद कर दिए गए थे। हालांकि वित्त मंत्रालय की तरफ से मुआवजा नहीं मिलने के कारण बाद में NHAI को ही यह आंशिक मुआवजा देना पड़ा था। इस बार सड़क परिवहन इस स्थिति से बचने के लिए अपने स्तर पर दावों का निपटारा कर देना चाहता है।
सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार जब नोटबंदी का निर्णय हुआ था तब भी टोल बंद करने पड़े थे। हमने उस वक्त भी वित्त मंत्रालय से मुआवजा मांगा था। मगर वित्त मंत्रालय की तरफ से इसे लेकर कोई मुआवजा नहीं मिला। बाद में NHAI ने इसकी कुछ रकम दी और कुछ समय बढ़ाकर दिया। इस बार हम अपने स्तर पर ही क्लेम्स का निपटारा कर देंगे।
पिछले साल दिसंबर में ही NHAI ने देश भर में 500 से अधिक टोल प्लाजा पर इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन का काम शुरू किया था, जबकि टैग के बिना फास्टैग लेन में प्रवेश करने वाले वाहनों से टोल शुल्क दोगुना कर दिया था।