Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Feb, 2020 12:34 PM
केंद्र सरकार ने गैर निवासी भारतीयों (NRI) द्वारा विदेश में कमाई गई आय पर भारत में कर देने के बजट में किए गए प्रावधान पर सफाई दी है। बता दें कि एनआरआई को लेकर फाइनेंस बिल 2020 में कहा गया है कि भारतीय नागरिकों की दुनिया भर में हुई कमाई पर भारत में...
बिजनेस डेस्कः केंद्र सरकार ने गैर निवासी भारतीयों (NRI) द्वारा विदेश में कमाई गई आय पर भारत में कर देने के बजट में किए गए प्रावधान पर सफाई दी है। बता दें कि एनआरआई को लेकर फाइनेंस बिल 2020 में कहा गया है कि भारतीय नागरिकों की दुनिया भर में हुई कमाई पर भारत में टैक्स लगेगा। इसका मतलब यह है कि ऐसे भारतीय जो दुनिया में किसी और कानून के तहत या किसी देश में टैक्स नहीं चुका रहे हैं, उन पर देश के अन्य नागरिकों की तरह ही टैक्स कानून लागू होंगे। इस नियम को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी।
अब फाइनेंस मिनिस्ट्री ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि देश के नागरिकों को विदेश से हुई कमाई रकम पर टैक्स नहीं देना होगा। हालांकि, इसमें यह शर्त जोड़ी गई है कि यह रकम किसी भारतीय व्यापार या व्यवसाय से कमाई गई नहीं होनी चाहिए। सरकार ने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर कानून में इससे संबंधित स्पष्टीकरण भी जोड़ा जाएगा। सरकार को यह सफाई इसलिए देनी पड़ी क्योंकि नए नियम में भारतीय नागरिकों की ग्लोबल इनकम पर भारत में टैक्स लगाने की बात कही गई है। सरकार ने साफ करते हुए कहा है कि सिर्फ इंडियन बिजनेस, प्रोफेशनल्स पर टैक्स लगेगा। मिडिल ईस्ट में Bonafide वर्कर पर टैक्स नहीं लगेगा।
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार ने देखा है कि टैक्स से बचने के लिए कुछ भारतीय कम या शून्य टैक्स निममों वाले देशों में रहने लगते हैं। ऐसे लोगों को देश के टैक्स सिस्टम में खामियों का फायदा उठाने से रोकने के लिए सरकार ने एनआरआई स्टेटस के नियमों में बदलाव किया है। मौजूदा नियमों के तहत अगर कोई भारतीय नागरिक किसी दूसरे देश में रहता है तो उसे एनआरआई का दर्जा मिल जाता है। नए नियमों के मुताबिक एनआरआई स्टेटस के लिए ये जरूरी होगा कि वह साल में 120 दिन से ज्यादा देश में न रहे। इसका मतलब यह है कि एनआरआई दर्जे के लिए साल में 245 दिन देश से बाहर रहना होगा।
सरकार ने कहा है कि नए नियमों का लक्ष्य ऐसे भारतीय नागरिकों को टैक्स के दायरे में लाने का नहीं है जो वास्तव में काम करने के लिए विदेश गए हैं। सरकार ने स्पष्ट किया कि उसका मध्यपूर्व में काम करने के लिए गए भारतीय नागरिकों से टैक्स वसूलने का कोई इरादा नहीं है।