Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Dec, 2018 01:51 PM
कैफीन युक्त एनर्जी ड्रिंक्स पर सरकार टैक्स बढ़ाने की सोच रही है। अभी इन पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है। इसे बढ़ाकर 28 फीसदी किया जा सकता है। इसके अलावा 12 फीसदी सेस भी लग सकता है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी।
नई दिल्लीः कैफीन युक्त एनर्जी ड्रिंक्स पर सरकार टैक्स बढ़ाने की सोच रही है। अभी इन पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है। इसे बढ़ाकर 28 फीसदी किया जा सकता है। इसके अलावा 12 फीसदी सेस भी लग सकता है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी।
12% सेस भी लगेगा
जीएसटी रेट बढ़ने और सेस के बाद एनर्जी ड्रिंक्स पर टैक्स कोल्ड ड्रिंक्स के बराबर हो जाएगा। कोल्ड ड्रिंक्स पर 28 फीसदी जीएसटी और 12 फीसदी सेस मिलाकर कुल 40 फीसदी टैक्स लगता है। जीएसटी कानून में कार जैसी लग्जरी चीजों और सिगरेट-तंबाकू जैसी नुकसानदायक वस्तुओं पर सेस लगाने का प्रावधान है।
वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि एनर्जी ड्रिंक्स बच्चों और युवाओं की सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इसे लेकर कई बार चेतावनी जारी कर चुका है। इसलिए इन पर ज्यादा टैक्स लगना चाहिए। उन्होंने बताया कि जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में इसका प्रस्ताव रखा जा सकता है।
भारत में 1,207 करोड़ रुपए का है स्पोर्ट्स और एनर्जी ड्रिंक्स मार्केट
- 65% हिस्सा एनर्जी ड्रिंक्स का।
- 22% सालाना बढ़ रहा है एनर्जी ड्रिंक्स का मार्केट।
- 85% हिस्सेदारी रेड बुल की, बाकी 15% में दूसरी कंपनियां हैं।
इंग्लैंड में बच्चों को एनर्जी ड्रिंक्स बेचने पर रोक की मांग सेहत को एनर्जी ड्रिंक्स से नुकसान की बात साबित नहीं हुई है। इंग्लैंड में बच्चों को इसकी बिक्री पर रोक की मांग की जा रही है। हालांकि वहां की साइंस कमेटी ने कहा है कि ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिसके आधार पर रोक लगे। इसका सुझाव है कि एनर्जी ड्रिंक्स के पैक पर बड़े अक्षरों में लिखा जाए कि इनसे बच्चों को नुकसान हो सकता है।