Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Oct, 2018 01:40 PM
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती के सरकार के फैसले की सबसे ज्यादा मार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी पर पड़ी है। सरकार ने तेल विपणन कंपनियों को इस कटौती का एक हिस्सा वहन करने को कहा है।
मुंबईः पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती के सरकार के फैसले की सबसे ज्यादा मार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी पर पड़ी है। सरकार ने तेल विपणन कंपनियों को इस कटौती का एक हिस्सा वहन करने को कहा है। इससे न केवल ओएनजीसी के शेयरों में भारी गिरावट आई है बल्कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) और गेल (इंडिया) जैसी सार्वजनिक कंपनियों में उसके निवेश का मूल्य भी गिरा है। इस सप्ताह ओएनजीसी के शेयर में 17 फीसदी गिरावट आई है।
एचपीसीएल में ओएनजीसी के निवेश का बाजार मूल्य निवेश लागत के मुकाबले 65 फीसदी कम हुआ है जबकि इंडियन ऑयल में उसके इक्विटी निवेश में 33 फीसदी गिरावट आई है। एचपीसीएल का शेयर 165 रुपए पर कारोबार कर रहा है जबकि ओएनजीसी ने इसे करीब 474 रुपए में खरीदा था। ओएनजीसी ने एचपीसीएल और इंडियन ऑयल में 605.3 अरब रुपए का निवेश किया था। गुरुवार के बंद भाव के हिसाब से इन दोनों कंपनियों में अब ओएनजीसी के निवेश की कीमत 286.5 अरब रुपए रह गई है। गेल इंडिया में इसका 3.8 अरब रुपए का निवेश फायदे में है।
ओएनजीसी का मेंगलूर रिफाइनरी ऐंड पेट्रोकेमिकल्स (एमआरपीएल) और पेट्रोनेट एलएनजी में भी हिस्सेदारी है। इनमें ओएनजीसी की मौजूदा हिस्सेदारी का मूल्य निवेश लागत से कहीं ज्यादा बना हुआ है। सरकार के पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2.5 रुपए की कटौती के फैसले के बाद पिछले दो दिनों में तेल विपणन कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है। विश्लेषकों का कहना है कि इन कंपनियों ने अप्रैल-जून तिमाही में जितना मुनाफा कमाया था, उसका करीब आधा हिस्सा उन्हें तेल सब्सिडी के रूप में वहन करना होगा।