Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Jun, 2018 01:21 PM
गन्ना किसानों के भारी-भरकम बकाए को चुकाने के लिए सरकार द्वारा एक्स मिल न्यूनतम मूल्य 29 रुपए प्रति किलो तय करने का फैसला कारगर साबित हो रहा है।
बिजनेस डेस्कः गन्ना किसानों के भारी-भरकम बकाए को चुकाने के लिए सरकार द्वारा एक्स मिल न्यूनतम मूल्य 29 रुपए प्रति किलो तय करने का फैसला कारगर साबित हो रहा है। देशभर में चीनी के थोक भाव में प्रति क्विंटल 150 से 450 रुपए तक की बढ़ोतरी हुई है, जबकि खुदरा बाजार में चीनी का भाव देश में 34 से 40 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है।
सरकार ने एक्स मिल मूल्य तय करने के साथ ही चीनी का बफर स्टॉक बनाने की घोषणा की थी। दोनों घोषणाओं का मकसद चीनी के गिरते दाम को स्थिरता प्रदान करना था, ताकि मिलें निर्धारित 29 रुपए प्रति किलो पर चीनी बेचें और उन्हें पहले के मुकाबले ज्यादा कीमत मिल सके। जिससे वह गन्ना किसानों के 22,000 करोड़ के भारी बकाए के ज्यादा से ज्यादा हिस्से का भुगतान कर सके। सरकार के कदमों का खामियाजा हालांकि आम ग्राहकों को भुगतना पड़ रहा है। मिलों से खुदरा बाजार तक पहुंचने में देश के अलग-अलग हिस्सों में चीनी के दाम 5 से 9 रुपए तक बढ़ गए हैं।
अभी और बढ़ेंगी खुदरा कीमतें
विशेषज्ञों की मानें, तो गन्ना किसानों को सरकार के कदम से सिर्फ इतना फायदा है कि उनका बकाया शायद उन्हें जल्द हासिल हो जाए। इससे इतर, एक्स मिल दाम 29 रुपए होने के बावजूद मिलें गन्ना पहले के भाव से खरीद रही हैं, जो देशभर के राज्यों में अलग-अलग दाम पर मिलों द्वारा किसानों से खरीदा जाता है। देश में औसतन एक्स मिल के बाद सोमवार को थोक बाजार में चीनी के दाम 3,350 रुपए तक गए हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश में यह भाव 3,200 रुपए तक चल रहा है।
महाराष्ट्र में भी भाव 3,250 रुपए प्रति क्विंटल हो गए। दिल्ली में चीनी की कीमतें बढ़कर 3,600 से 3,700 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गई है, जबकि अभी चीनी की खुदरा कीमतों में 1 से 1.5 रुपए की बढ़ोतरी और हो सकती है।
चीनी के न्यूनतम मूल्य बढ़ने का असर
उपभोक्ता - जेबें होंगी ढीली
किसान - गन्ना बकाया मिलने की उम्मीद बढ़ी
मिल - आय में होगी बढ़ोतरी
चीनी के खुदरा भाव (दिल्ली में)
10 जून 2018 - 32 रुपए प्रति किलो
10 जून 2017 - 42 रुपए प्रति किलो