Edited By Supreet Kaur,Updated: 31 Jul, 2018 11:18 AM
ऑनलाइन शॉपिंग में भारी छूट हासिल करने वाले लोगों के लिए अहम खबर है। केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स पॉलिसी का एक ड्राफ्ट तैयार किया है जिसमें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर दिए जाने वाले भारी डिस्काउंट पर नजर रखने की जरूरत है और इसे एक निश्चित तारीख के बाद रोक जाना...
बिजनेस डेस्कः ऑनलाइन शॉपिंग में भारी छूट हासिल करने वाले लोगों के लिए अहम खबर है। केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स पॉलिसी का एक ड्राफ्ट तैयार किया है जिसमें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर दिए जाने वाले भारी डिस्काउंट पर नजर रखने की जरूरत है और इसे एक निश्चित तारीख के बाद रोक जाना चाहिए। ड्राफ्ट को अमेजॉन, फ्लिपकार्ट जैसे सभी शॉपिंग कंपनियों के प्रतिनिधियों के सामने चर्चा के लिए पेश किया गया।
रेग्युलेटर की होगी नियुक्ति
इस ड्राफ्ट को लाए जाने को लेकर सरकार के कई मकसद हैं। इसमें कंज्यूमर प्रॉटेक्शन और ग्रीवेंस रीड्रेसल, एफडीआई, डेटा की लोकल स्टोरेज, लघु एवं मध्यम उद्योगों के विलय और अधिग्रहण के मसलों की बात कही गई है। आम लोगों से राय लेने के बाद इस ड्राफ्ट में बदलाव भी किए जाएंगे। इस ड्राफ्ट में सेक्टर के रेग्युलेशन के लिए एक रेग्युलेटर की नियुक्ति की भी बात कही गई है।
खामियों पर लगेगी लगाम
तेजी से ग्रोथ कर रहे ऑनलाइन रिटेल सेक्टर को लेकर यह अपनी तरह का पहला ड्राफ्ट है। इसमें फूड डिलिवरी साइट्स जैसे स्विगि और जूमैटो को भी शामिल किए जाने की बात कही है। फिलहाल भारत में ई-कॉमर्स का मार्केट 25 अरब डॉलर का है, जबकि अगले दशक में इसके 200 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। ड्राफ्ट पॉलिसी में कई खामियों पर लगाम लगाने का भी प्रस्ताव है।