Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Mar, 2022 04:27 PM
सरकार ने मंगलवार को कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2022-23 के लिए 250 रुपए बढ़ाकर 4,750 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में...
नई दिल्लीः सरकार ने मंगलवार को कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2022-23 के लिए 250 रुपए बढ़ाकर 4,750 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में 2022-23 के लिए कच्चे जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने को मंजूरी दी गई। कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर यह मंजूरी दी गई है।
आधिकारिक बयान के अनुसार 2022-23 के सीजन के लिए कच्चे जूट (टीडीएन 5 के समरूप टीडीएन 3) का न्यूनतम समर्थन मूल्य 250 रुपए बढ़ाकर 4,750 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। यह उत्पादन की अखिल भारतीय भारांश औसत लागत पर 60.53 प्रतिशत लाभ सुनिश्चित करेगा।’’
भारतीय जूट निगम (जेसीआई) मूल्य समर्थन को लेकर केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी के रूप में अपना काम करता रखेगा। इस तरह के संचालन में किसी प्रकार का नुकसान होने पर केंद्र सरकार उसकी पूरी भरपाई करेगी। कच्चे जूट के लिए तय एमएसपी बजट 2018-19 में घोषित उत्पादन की अखिल भारतीय भारांश औसत लागत का कम-से-कम 1.5 गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने के सिद्धांत के अनुरूप है। बयान के अनुसार, ‘‘यह न्यूनतम 50 प्रतिशत लाभ का आश्वासन देता है। यह जूट उत्पादकों को पारिश्रमिक का लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने और गुणवत्ता वाले जूट फाइबर को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण और प्रगतिशील कदमों में से एक है।’’