सरकार का अहम कदम, अब मिलेगी यूरिया की छोटी बोरी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Jan, 2018 03:17 PM

government important step  now will get a small sack of urea

खेती में यूरिया के अंधाधुंध प्रयोग पर रोक लगाने के लिए आगामी खरीफ सीजन में यूरिया की बोरी की क्षमता 50 किलोग्राम से घटाकर 45 किलोग्राम कर दी जाएगी। नीम कोटेड होने के बाद यूरिया की खपत में कमी आई है। बोरी में यूरिया की मात्रा घटाने के साथ इसकी कीमतों...

नई दिल्लीः खेती में यूरिया के अंधाधुंध प्रयोग पर रोक लगाने के लिए आगामी खरीफ सीजन में यूरिया की बोरी की क्षमता 50 किलोग्राम से घटाकर 45 किलोग्राम कर दी जाएगी। नीम कोटेड होने के बाद यूरिया की खपत में कमी आई है। बोरी में यूरिया की मात्रा घटाने के साथ इसकी कीमतों में भी आनुपातिक कमी की जाएगी।

यूरिया की खपत होगी कम
बोरी में मात्रा घटाने के पीछे किसानों की परंपरागत सोचने के तरीके को ध्यान में रखा गया है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आमतौर पर किसान अपनी फसलों में प्रति एकड़ तीन बोरी यूरिया डालते हैं। लेकिन बोरी छोटी करने से यूरिया की खपत में 10 फीसदी की सीधी बचत होने का अनुमान है। नीम कोटेड यूरिया मिट्टी में देर से घुलती है, जिससे फसल को जरूरत के हिसाब से नाइट्रोजन मिलता है। सामान्य और नीम कोटेड होने से यूरिया की क्षमता में 10 से 12 फीसदी का अंतर आ जाता है। इसका फायदा फसल को भी मिलता है।

यूरिया कारखानों को दिए निर्देश
यूरिया पैकिंग की बोरी का साइज घटाने के लिए सभी यूरिया कारखानों को स्पष्ट तौर पर निर्देश दे दिया गया है। इसके लिए उन्हें छह महीने का समय भी दिया गया है। खरीफ सीजन की फसलों के लिए नई पैकिंग वाली यूरिया बाजार में पहुंचेगी। देश में शत-प्रतिशत नीम कोटेड यूरिया का प्रयोग दिसंबर 2017 से चालू हो गया था। खेती पर उसके प्रभाव के अध्ययन में पता चला कि जहां 10 फीसदी यूरिया कम खर्च हुई, वहीं उत्पादकता में 10 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। घरेलू यूरिया के साथ आयातित यूरिया को शत-प्रतिशत नीम कोटेड कर दिया गया है। फर्टिलाइजर मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि यूरिया की खपत को घटाने के लिए वैज्ञानिक लगातार अध्ययन कर रहे हैं।

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