Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Feb, 2018 09:44 AM
चीनी उद्योग के एक धड़े ने चीनी मिल पर कीमत को उचित स्तर पर बरकरार रखने के लिए सरकार के हस्तक्षेप की मांग की है ताकि यह गन्ना खरीद कीमतों से कम न हो जाए और गन्ना उत्पादकों के भारी बकाए की स्थिति से बचा जा सके। उन्होंने उत्पादन में कमी होने की स्थिति...
नई दिल्ली: चीनी उद्योग के एक धड़े ने चीनी मिल पर कीमत को उचित स्तर पर बरकरार रखने के लिए सरकार के हस्तक्षेप की मांग की है ताकि यह गन्ना खरीद कीमतों से कम न हो जाए और गन्ना उत्पादकों के भारी बकाए की स्थिति से बचा जा सके। उन्होंने उत्पादन में कमी होने की स्थिति में कीमतों में स्थिरता लाने के लिए बफर स्टॉक बनाने की भी मांग की है तथा 5 लाख क्विंटल प्रतिवर्ष से कम उत्पादन करने वाली मिलों को इसमें से आबंटन करने को कहा है।
भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) के पूर्व अध्यक्ष ओ.पी. धानुका ने कहा कि चीनी की एक्स.फैक्टरी कीमत को 3,900 रुपए प्रति क्विंटल के स्तर पर बनाए रखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सितम्बर, 2017 के 3,835 रुपए प्रति क्विंटल की कीमत की जगह फरवरी, 2018 में चीनी कीमतें निरंतर गिरावट के साथ 3,150 रुपए प्रति किं्वटल रह गई हैं।