बारिश की कमी से बुआई घटने पर सरकार चिंतित, सूखे की स्थिति से निपटने के लिए राज्यों के संपर्क में

Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Jul, 2019 01:42 PM

government is concerned about the reduction of sowing due to lack of rainfall

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बारिश की कमी की वजह से खरीफ फसल की बुवाई में देरी पर चिंता जताई है। हालांकि, उन्होंने कहा है कि गर्मियों की फसल की बुवाई के लिए अभी समय है। तोमर ने राज्यों के कृषि मंत्रियों के सम्मेलन के मौके पर अलग से बातचीत में...

नई दिल्लीः कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बारिश की कमी की वजह से खरीफ फसल की बुवाई में देरी पर चिंता जताई है। हालांकि, उन्होंने कहा है कि गर्मियों की फसल की बुवाई के लिए अभी समय है। तोमर ने राज्यों के कृषि मंत्रियों के सम्मेलन के मौके पर अलग से बातचीत में कहा कि सूखे जैसी स्थिति से संयुक्त प्रयासों से निपटने को केंद्र राज्यों के संपर्क में है। उन्होंने कहा, ‘‘खरीफ फसल की बुवाई में देरी चिंता का विषय है। किसानों के लिए बुवाई पूरी करने के लिए अभी समय है।’’ मौजूदा खरीफ सत्र 2019-20 में पिछले सप्ताह तक खरीफ बुवाई एक साल पहले की तुलनाम में 27 प्रतिशत कम थी और 234.33 लाख हेक्टेयर तक ही पहुंची थी। पिछले साल समान अवधि में 319.68 लाख हेक्टेयर थी। तोमर ने कहा, ‘‘सूखे जैसी स्थिति को लेकर हम राज्यों के संपर्क में हैं।’’

खरीफ फसल की उपज के बारे में पूछे जाने पर तोमर ने कहा कि अभी इस पर कुछ कहना जल्दबाजी होगा। भारतीय मौसम विभाग ने जुलाई और अगस्त में अच्छी बारिश का अनुमान लगाया है जिससे बुवाई के काम में तेजी आ सकती है। दक्षिण पश्चिम मानसून के साथ खरीफ फसल की बुवाई शुरू होती है। इस साल इसमें देरी हुई जिससे बुवाई भी पीछे चल रही है। मौसम विभाग के अनुसार अभी बारिश की कमी 33 प्रतिशत है। मुख्य खरीफ फसल धान की बुवाई पिछले सप्ताह तक 52.47 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई थी, जो एक साल पहले समान अवधि में 68.60 लाख हेक्टेयर थी।

धान की बुवाई पीछे चल रही ये राज्य चल रही है पीछे
छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, ओड़िशा, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, असम, पश्चिम बंगाल और हिमाचल प्रदेश में धान की बुवाई पीछे चल रही है। इसी तरह दलहनों मसलन तुअर, उड़द और मूंग की बुवाई अभी सिर्फ 7.94 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है, जबकि पिछले साल समान अवधि में यह आंकड़ा 27.91 लाख हेक्टेयर था। मोटे अनाजों की बुवाई भी पिछले साल के 50.65 लाख हेक्टेयर से घटकर 37.37 लाख हेक्टेयर रह गई है। कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में दलहन की बुवाई पीछे है।

तिलहनों के मामले में मूंगफली, सूरजमुखी और सोयाबीन की बुवाई घटकर 34.02 लाख हेक्टेयर रह गई है। पिछले साल समान अवधि में यह आंकड़ा 59.37 लाख्र हेक्टेयर था। नकदी फसलों में गन्ने की बुवाई 50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है। पिछले साल समान अवधि में यह आंकड़ा 51.41 लाख हेक्टेयर था। कपास की बुवाई भी पीछे है। अभी तक इसकी बुवाई 45.85 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई है जबकि पिछले साल समान अवधि में यह आंकड़ा 54.60 लाख हेक्टेयर था।

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