Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Aug, 2018 12:32 PM
दूरसंचार विभाग (डीओटी) फेक न्यूज और चाइल्ड पॉर्नोग्रफी पर अंकुश के लिए फेसबुक, वॉट्सऐप, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम जैसे लोकप्रिय सोशल मीडिया ऐप्स को ब्लॉक करने के तरीकों पर विचार कर रहा है।
नई दिल्लीः दूरसंचार विभाग (डीओटी) फेक न्यूज और चाइल्ड पॉर्नोग्रफी पर अंकुश के लिए फेसबुक, वॉट्सऐप, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम जैसे लोकप्रिय सोशल मीडिया ऐप्स को ब्लॉक करने के तरीकों पर विचार कर रहा है। उसने टेलीकॉम कंपनियों और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स (आईएसपी) से इसके लिए सुझाव मांगे हैं। इस मामले से वाकिफ सूत्रों ने बताया कि दूरसंचार विभाग फेक न्यूज सहित इन मामलों पर दुनिया की बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों से भी बात करना चाहता है।
अफवाहों से बढ़ी मॉब लिंचिंग की घटनाएं
हाल में फेक न्यूज की वजह से मॉब लिंचिंग की कई घटनाएं हुई हैं और इन्हें लेकर सरकार को सुप्रीम कोर्ट की कड़ी आलोचना का भी सामना करना पड़ा है। 2019 लोकसभा चुनाव को फेक न्यूज के जरिए प्रभावित करने की भी आशंकाएं जताई जा रही हैं। इन सबके बीच दूरसंचार विभाग ने यह पहल शुरू की है। इस बारे में उसने 18 जुलाई को लिखे एक लेटर में कहा है, ‘इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप, टेलीग्राम जैसे मोबाइल ऐप्स को इंटरनेट पर कैसे ब्लॉक किया जा सकता है। आपसे इसके संभावित विकल्प बताने की गुजारिश की जाती है।’
यह लेटर भारती एयरटेल, रिलायंस जियो, वोडाफोन इंडिया, आइडिया सेल्युलर के अलावा टेलीकॉम और आईएसपी इंडस्ट्री से जुड़ी संस्थाओं को भेजा गया है। इन ऐप्स को अगर ब्लॉक किया जाता है तो वह इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 69ए के तहत किया जाएगा। इस कानून में कंप्यूटर एप्लिकेशन के जरिए दी जा रही इंफॉर्मेशन को ब्लॉक करने के निर्देश अथॉरिटीज को दिए गए हैं। इंडस्ट्री से ऐसे मामलों में राय मांगने के लिए विभाग की तरफ से यह दूसरी चिट्ठी भेजी गई है। पता चला है कि डीओटी ने इसी तरह की एक चिट्ठी 28 जून को भी भेजी थी और उसके बाद 3 अगस्त को उसने रिमाइंडर भेजा था। अभी तक कंपनियों और इंडस्ट्री असोसिएशंस ने दूरसंचार विभाग की चिट्ठी का जवाब नहीं दिया है।
सरकार की चेतावनी
सरकार हाल में फेसबुक के मालिकाना हक वाले वॉट्सऐप को फेक न्यूज पर अंकुश के लिए कई लेटर लिख चुकी है। इसके बाद वॉट्सऐप ने फॉरवर्ड्स की संख्या सीमित करने और न्यूजपेपर ऐड के जरिए जागरूकता बढ़ाने की कोशिश की है। हालांकि आईटी मिनिस्ट्री का मानना है कि ये कदम काफी नहीं हैं। उसके एक अधिकारी ने बताया कि वॉट्सऐप ने इस तरह का कोई पोस्ट कहां से शुरू हुआ, इसकी जानकारी देने की बात नहीं मानी है। साथ ही, उसने यूजर्स के लिए एंड-टु-एंड एनक्रिप्शन के कमिटमेंट को दोहराया है। अधिकारी ने कहा, ‘ऐसे में सरकार के पास क्या रास्ता बच जाता है। क्या हम इंटरनेट बंद कर दें/ यह तो इस मसले का हल नहीं है। इसलिए दूरसंचार विभाग इन्हें ब्लॉक करने के उपायों पर विचार कर रहा है।’