Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Feb, 2018 12:30 PM
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत राज्य के अंदर 10 किलोमीटर तक माल की आपूर्ति पर ई-वे बिल से छूट प्राप्त है लेकिन इससे अधिक दूरी पर इसे अनिवार्य किया गया है हालांकि सरकार शहरों को 10 किलोमीटर की सीमा से छूट दे सकती है
नई दिल्लीः वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत राज्य के अंदर 10 किलोमीटर तक माल की आपूर्ति पर ई-वे बिल से छूट प्राप्त है लेकिन इससे अधिक दूरी पर इसे अनिवार्य किया गया है हालांकि सरकार शहरों को 10 किलोमीटर की सीमा से छूट दे सकती है, जिससे शहर के अंदर माल की आवाजाही पर ई-वे बिल नहीं भरना होगा। दिल्ली को शहर माने जाने और यह छूट मिलने पर इससे यहां के कारोबारी और ट्रांसपोर्टरों को सबसे ज्यादा लाभ होगा।
जी.एस.टी.एन. ई-वे बिल के प्रारूप को सरल बनाने पर भी काम कर रहा है। ट्रांसपोर्टरों ने ई-वे बिल में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए जी.एस.टी. आयुक्त और जी.एस.टी.एन. के मुख्य कार्याधिकारी से मुलाकात की। ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप सिंघल ने बताया कि शहरों के अंदर भी 10 किलोमीटर से अधिक दूरी पर ई-वे बिल की अनिवार्यता कारोबार सुगमता की राह में अड़चन है। इसलिए ट्रांसपोर्टरों ने जीएसटी आयुक्त व जी.एस.टी.एन. के मुख्य कार्याधिकारी से मुलाकात कर शहरों के अंदर माल की आवाजाही को ई-वे बिल के दायरे से बाहर रखने की मांग की। जिस पर दोनों आला अधिकारी सैद्घांतिक पर तौर सहमत दिखे और इस मांग पर सकारात्मक नजरिये से विचार करने का भरोसा दिया।
अधिकारियों ने ट्रांसपोर्टरों द्वारा पार्ट-1 की बजाय पार्टी-2 के आधार पर सुझाए गए ई-वे बिल प्रारूप पर भी विचार करने का आश्वासन दिया। कारोबारी सूत्रों के मुताबिक कुछ कारोबारी ई-वे बिल से बचने के लिए 50 हजार से कम के बिल टुकड़ों में करने पर जोर दे सकते हैं। अधिकारियों ने मौजूदा प्रति दिन 10 लाख बिल जेनरेट होने की क्षमता को बढ़ाकर 45 लाख करने का भरोसा ट्रांसपोर्टरों को दिया। हालांकि उद्योग इसे 1 से 1.5 करोड़ कराना चाहता है, जिससे ई-वे बिल जेनरेट करने में आसानी हो।