Edited By Pardeep,Updated: 01 Aug, 2018 10:14 PM
केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने बुधवार को कहा कि सरकार एयर इंडिया के विनिवेश के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन राष्ट्रीय विमानन कंपनी से पूरी तरह बाहर निकलने की उसकी कोई योजना नहीं है। ऋण-बोझ में फंसी इस विमानन कंपनी में सरकार की प्रस्तावित हिस्सेदारी बिक्री...
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने बुधवार को कहा कि सरकार एयर इंडिया के विनिवेश के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन राष्ट्रीय विमानन कंपनी से पूरी तरह बाहर निकलने की उसकी कोई योजना नहीं है।
ऋण-बोझ में फंसी इस विमानन कंपनी में सरकार की प्रस्तावित हिस्सेदारी बिक्री को अंजाम नहीं दिया जा सका। इसके लिए तय समय सीमा 30 मई तक संभावित बोलीदाताओं की ओर से कोई अभिरुचि पत्र (ईओआई) प्राप्त नहीं हो सका। सरकार एयर इंडिया के प्रदर्शन में सुधार के तौर तरीकों पर भी काम कर रही है। इस पृष्ठभूमि में सिन्हा ने राज्यसभा को बताया कि सरकार एयर इंडिया के विनिवेश के लिए प्रतिबद्ध है। एक लिखित उत्तर में, नागर विमानन राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार की "एयर इंडिया से पूरी तरह से बाहर निकलने की कोई योजना नहीं है।’’
सिन्हा के अनुसार, एयर इंडिया को 2007 में इंडियन एयरलाइंस के साथ विलय के बाद घाटा हो रहा है। उन्होंने कहा कि उच्च ब्याज बोझ, प्रतिस्पर्धा में वृद्धि, ऊंचा हवाई अड्डा उपयोगकर्ता शुल्क, विनिमय दर में उतार चढाव का प्रतिकूल प्रभाव, विदेशी विमानन कंपनियों के साथ उदारीकृत द्विपक्षीय व्यवस्था, विमानन बाजार में अतिरिक्त क्षमता का सृजन इत्यादि नुकसान के प्रमुख कारणों में से हैं।