Edited By Pardeep,Updated: 09 Sep, 2020 05:40 AM
मोदी सरकार की योजना आईआरसीटीसी में 15-20 फीसदी स्टेक बेचने की है। ये स्टेक ऑफर फॉर सेल यानी ओएफएस के जरिए बेचे जाएंगे। माना जा रहा है कि ये ट्रांजेक्शन कम से कम किस्तों में पूरा किया जाएगा। पिछले महीने ही निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन
नई दिल्लीः मोदी सरकार की योजना आईआरसीटीसी में 15-20 फीसदी स्टेक बेचने की है। ये स्टेक ऑफर फॉर सेल यानी ओएफएस के जरिए बेचे जाएंगे। माना जा रहा है कि ये ट्रांजेक्शन कम से कम किस्तों में पूरा किया जाएगा। पिछले महीने ही निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) ने मर्चेंट बैंकर्स से 10 सितंबर तक आईआरसीटीसी का ये स्टेक बेचने के लिए बोलियां मंगाई हैं। बता दें कि ऑफर ऑफ सेल्स में कम से कम 25 फीसदी शेयर म्यूचुअल फंड और इंश्योरेंस कंपनियों जैसे इंस्टीट्यूशनल निवेशकों के लिए सुरक्षित रहते हैं।
सरकार की निजीकरण की बड़ी तैयारी
सरकार ने निजीकरण के एजेंडे में अभी आईआरसीटीसी सबसे ऊपर है। बता दें कि सरकार करीब दर्ज भर पब्लिक सेक्टर यूनिट का निजीकरण करने की तैयारी में है, जिनमें कम से कम 4 बड़े सरकारी बैंक भी शामिल हैं। आईआरसीटीसी पर पूरी तरह से भारतीय रेलवे का अधिकार है, जिसके पास ट्रेनों में टूरिज्म, कैटरिंग, ऑनलाइन टिकट बुकिंग और पीने का पैक्ड पानी बेचने के एक्सक्लूसिव राइट्स हैं।
5 फीसदी होंगी प्राइवेट ट्रेनें
इससे पहले सरकार ने 151 ट्रेनों के जरिए 109 रूट्स पर निजी कंपनियों को यात्री ट्रेनें चलाने की इजाजत दी थी। इसके जरिए सरकार को करीब 30 हजार करोड़ रुपयों का निवेश मिलने की उम्मीद थी और साथ ही मेक इन इंडिया के तहत घरेलू मैन्युफैक्चरिंग भी बढ़ने की उम्मीद थी। बता दें कि कुल रेल नेटवर्क का सिर्फ 5 फीसदी ही प्राइवेट ट्रेनें होंगी। ये ट्रेनें 12 क्लस्टर में चलेंगी, जिनमें बेंगलुरु, चंडीगढ़, जयपुर, दिल्ली, मुंबई, पटना, प्रयागराज, सिकंदराबाद, हावड़ा और चेन्नई भी शामिल हैं।