ई-कॉमर्स कंपनियों पर फिर लगाम कसने की तैयारी में सरकार

Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Dec, 2018 10:23 AM

government prepares to reinforce e commerce companies

केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों के ''अवसरवादी रवैये'' पर लगाम लगाने के लिए फिर से योजना बनाई है। सरकार का उद्देश्य इन ई-कंपनियों द्वारा ग्राहकों को भारी छूट और बेलगाम तरीके से कैशबैक और उपहार देने पर रोक लगाना है।

बिजनेस डेस्कः केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों के 'अवसरवादी रवैये' पर लगाम लगाने के लिए फिर से योजना बनाई है। सरकार का उद्देश्य इन ई-कंपनियों द्वारा ग्राहकों को भारी छूट और बेलगाम तरीके से कैशबैक और उपहार देने पर रोक लगाना है। अगले कुछ हफ्तों में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय अन्य विभागों जैसे सूचना प्रौद्योगिकी से परामर्श लेकर एक संशोधित पॉलिसी लाने की योजना बना रही है, जिसे बाद में कैबिनेट के पास भेजा जाएगा।

PunjabKesariसूत्रों ने अनुसार केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय घरेलू रिटेलरों के हितों की सुरक्षा करते हुए ई-कॉमर्स कंपनियों को सुदृढ़ करने के तरीकों पर गौर कर रहा है। अधिकतर घरेलू रिटेलर, ई-टेलर के साथ-साथ नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से पैदा हुई 'प्रतिकूल परिस्थितयों' से कारोबार को नुकसान की शिकायतें कर रहे हैं।

PunjabKesariहालांकि सरकारी अधिकारियों का कहना है कि सरकार का कदम स्थानीय व्यापारियों की सहानुभूति बटोरना नहीं बल्कि दुनियाभर में ई-कॉमर्स को नियंत्रित करने को लेकर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) द्वारा जोर दिए जाने से पहले ही एक पॉलिसी लाना है। इस मुद्दे पर अमेरिका और चीन जैसे देश साथ आए हैं, जो पिछले कई महीनों से आपस में ट्रेड वॉर से जूझ रहे हैं।

PunjabKesariवरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि सरकार द्वारा लाए गए ई-कॉमर्स पॉलिसी के एक मसौदे को हितधारक पहले ही खारिज कर चुके हैं। इस मसौदे को हितधारकों से जुलाई में साझा किया गया था। मसौदे में एक सनसेट क्लॉज का प्रस्ताव किया गया था, जिससे डिफरेंशियल प्राइसिंग स्ट्रैटिजी जैसे डीप डिस्काउंट के लिए अधिकतम अवधि को परिभाषित किया गया था। इसमें कुछ सेगमेंट में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के साथ घरेलू ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए प्रेफरेंशियल ट्रीटमेंट का भी प्रस्ताव किया गया था। हालांकि, एफडीआई को तो खारिज कर दिया गया, लेकिन ई-कॉमर्स को रेग्युलेट करने के मुद्दे पर फिर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके विवरणों का अध्ययन करना अभी बाकी है।
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!