ई-कॉमर्स नियमों को सख्त करने की तैयारी में सरकार, फ्लैश सेल पर लग सकता है बैन

Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Jun, 2021 12:05 PM

government preparing to tighten e commerce rules flash sale may be banned

धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार प्रथाओं पर रोक लगाने के लिए भारत सरकार ने देश के ई-कॉमर्स नियमों में बदलाव का प्रस्ताव दिया है। सरकार इन सुधारों से अनुचित व्यापार के तरीकों को रोकने की कोशिश कर रही है। सरकार ने कहा है कि जिन बदलावों का प्रस्ताव दिया गया...

बिजनेस डेस्कः धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार प्रथाओं पर रोक लगाने के लिए भारत सरकार ने देश के ई-कॉमर्स नियमों में बदलाव का प्रस्ताव दिया है। सरकार इन सुधारों से अनुचित व्यापार के तरीकों को रोकने की कोशिश कर रही है। सरकार ने कहा है कि जिन बदलावों का प्रस्ताव दिया गया है, उनमें फ्लैश सेल पर बैन और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की ओर से नियमों को नहीं मानने पर कार्रवाई शामिल है। हालांकि, सरकार ने साफ किया है कि प्लेटफॉर्म पर थर्ड-पार्टी सेलर की फ्लैश सेल पर बैन नहीं लगेगा।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 (Consumer Protection (E-commerce) Rules, 2020) में संशोधन करने के लिए सुझाव आमंत्रित किए हैं। सरकार ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर गलत जानकारी और बंपर छूट के साथ धोखाधड़ी पूर्ण बिक्री पर प्रतिबंध लगाने और डीपीआईआईटी के साथ इन कंपनियों का पंजीकरण अनिवार्य करने का प्रस्ताव रखते हुए सुझाव मांगे हैं। इसके अलावा सरकार इंटरनेट पर खोज परिणामों में हेराफेरी करके उपयोगकर्ताओं को गुमराह करने पर प्रतिबंध और मुख्य अनुपालन अधिकारी एवं निवासी शिकायत अधिकारी की नियुक्ति सहित कुछ अन्य संशोधनों पर भी विचार कर रही है।

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प्रस्तावित संशोधनों में ई-कॉमर्स संस्थाओं को किसी भी कानून के तहत अपराधों की रोकथाम, पता लगाने और जांच और अभियोजन के लिए सरकारी एजेंसी से आदेश प्राप्त होने के 72 घंटे के भीतर सूचना प्रदान करनी होगी। उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 को पहली बार पिछले साल जुलाई में अधिसूचित किया गया था। इसके उल्लंघन में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है। 

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6 जुलाई तक भेज सकते हैं सुझाव 
सरकार ई-कॉमर्स संस्थाओं को उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) में पंजीकरण कराने की योजना भी बना रही है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने एक सार्वजनिक सूचना में कहा, 'प्रस्तावित संशोधनों पर विचार/टिप्पणियां/सुझाव 15 दिनों के भीतर (छह जुलाई, 2021 तक) ईमेल द्वारा जेएस-सीए@एनआईसी.आईएन (js-ca@nic.in) पर भेजे जा सकते हैं।' 

कीमतों में वृद्धि करती है फ्लैश बिक्री 
सरकार ने एक अलग बयान में कहा कि उसे पीड़ित उपभोक्ताओं, व्यापारियों और संघों से ई-कॉमर्स प्रक्रिया में व्यापक धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार प्रथाओं के खिलाफ शिकायत के कई अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं। मंत्रालय ने हालांकि कहा कि पारंपरिक तौर पर आयोजित होने वाली ई-कॉमर्स रियायती बिक्री पर प्रतिबंध नहीं होगा। केवल विशिष्ट तौर पर ग्राहकों को घेरने के लिहाज से की जाने वाली बिक्री या बार-बार फ्लैश बिक्री, कीमतों में वृद्धि करती है तथा सबके के लिए एक समान अवसर वाला मंच उपलब्ध कराने से रोकती है, ऐसी बिक्री की अनुमति नहीं होगी। 
 

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