सरकार ने जनता से मांगे बजट के लिए सुझाव, 20 जून तक कोई भी रख सकता है अपनी बात

Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Jun, 2019 06:17 PM

government proposes for the budget demand from the public

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को आम बजट 2019-20 के लिए जनता से सुझाव मांगे हैं। सरकार का कहना है कि यह प्रक्रिया बजट में आम जनता की ज्यादा भागीदारी और उसकी इच्छाओं का समावेश करने के लिए अपनाई जा रही है। मोदी-2.0 सरकार का पहला आम बजट वित्त मंत्री निर्मला...

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने शुक्रवार को आम बजट 2019-20 के लिए जनता से सुझाव मांगे हैं। सरकार का कहना है कि यह प्रक्रिया बजट में आम जनता की ज्यादा भागीदारी और उसकी इच्छाओं का समावेश करने के लिए अपनाई जा रही है। मोदी-2.0 सरकार का पहला आम बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को पेश करेंगी।

हालांकि सरकारी सूत्रों का कहना है कि यह प्रक्रिया आम आदमी को बजट से जोड़ने के लिए पिछले कई साल से अपनाई जा रही है। सूत्रों ने कहा कि इस बार भी आम जनता 20 जून तक ‘mygov.in’ वेब पोर्टल पर अपना सुझाव दर्ज कराकर सरकार को भेज सकती है। इस वेब पोर्टल भी इस बात की घोषणा प्रकाशित कर दी गई है। इस घोषणा के मुताबिक, अपना सुझाव देने के इच्छुक व्यक्ति कमेंट बॉक्स में सीधे अपनी बात लिख सकते हैं या अपने सुझाव वाली पीडीएफ फाइल को इसमें अटैच कर सकते हैं।

इससे पहले सीतारमण ने बृहस्पतिवार को आगामी बजट के लिए उद्योगपतियों, समाजसेवियों और अन्य हितधारकों की तरफ से आए सुझावों की प्रशंसा की थी और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों को ये सुझाव नोट करने के आदेश दिए थे।

सीतारमण की बजट टीम में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और मुख्य आर्थिक सलाहकार के. सुब्रमण्यन शामिल हैं। इनके अलावा वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग के नेतृत्व में अधिकारियों की एक पूरी टीम भी बजट निर्माण से जुड़ी है, जिसमें व्यय सचिव गिरीश चंद्र मुर्मू, राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे, डीआईपीएएम सचिव अतानु चक्रवर्ती और वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार शामिल हैं।

आर्थिक मंदी का जिक्र होगा बजट भाषण में
59 वर्षीय वित्त मंत्री निर्मला के पहले बजट भाषण में शामिल होने वाले तथ्य भी तैयार कर लिए गए हैं। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) की एल्युमिनी सीतारमण के बजट भाषण में आर्थिक मंदी, वित्तीय क्षेत्र से जुड़ीं बढ़ता एनपीए, गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों में तरलता संकट आदि समस्याओं, नई नौकरियां, निजी निवेश, निर्यात बढ़ाने, कृषि संबंधी संकट और राजकोषीय स्थिति से समझौता किए बिना सार्वजनिक निवेश बढ़ाने जैसे मुद्दे शामिल होंगे।

17 जून से शुरू हो रहा संसदीय सत्र
नवगठित 17वीं लोकसभा का पहला संसदीय सत्र 17 जून से 26 जुलाई तक चलेगा। 2019-20 के लिए आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट 4 जुलाई को संसद में पेश की जाएगी और इसके अगले दिन 5 जुलाई को सीतारमण बजट पेश करेंगी।

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