Edited By Supreet Kaur,Updated: 12 Oct, 2018 06:03 PM
व्यापार घाटे और डॉलर के मुकाबले लगातार गिरते रुपए को देखते हुए सरकार ने बेस स्टेशन और डिजिटल लाइन प्रणाली सहित कुल 17 चुनिंदा संचार उपकरणों पर इंपोर्ट ड्यूटी 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी है।
बिजनेस डेस्कः व्यापार घाटे और डॉलर के मुकाबले लगातार गिरते रुपए को देखते हुए सरकार ने बेस स्टेशन और डिजिटल लाइन प्रणाली सहित कुल 17 चुनिंदा संचार उपकरणों पर इंपोर्ट ड्यूटी 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी है। यह दूसरी बार है जब सरकार ने इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई है। इससे पहले 26 सितंबर को रेफ्रिजरेटरों और एअर कंडीशनरों सहित 19 वस्तुओं पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाई गई थी। बढ़ोत्तरी 12 अक्टूबर से लागू होगी।
मोबाइल फोन
बेस स्टेशन, ऑप्टिकल ट्रांसपोर्ट इक्विपमेंट, स्विच और आईपी रोडियो जैसे सामान पर आयात शुल्क 10 फीसदी से बढ़कर 20 फीसदी हो जाएगा। मदरबोर्ड पर भी आयात शुल्क बढ़ेगा। इसके चलते बाजार में मोबाइल फोन महंगे हो सकते हैं।
एयर कंडिशनर, वॉशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर
एयर कंडिशनर, वॉशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर पर भी आयात शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है। हालांकि गर्मियां खत्म हो गई हैं इसलिए एयर कंडिशनर की कीमतों में ज्यादा बदलाव नहीं दिखेगा। लेकिन10 किलो से कम की कपैसिटी वाले वॉशिंग मशीन की कीमतों में बढ़ोतरी देखी जा सकती है।
जूलरी हो सकती है महंगी
एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर सरकार ने 5 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगा दी है। इसके बाद एविएशन इंडस्ट्री टिकट की कीमत भी बढ़ा सकती है। हालांकि सरकार ने जेट फ्यूल पर एक्साइज ड्यूटी कम करके 14 से 11 फीसदी कर दी है। इससे यात्रियों को कुछ राहत तो मिलेगी। इसके साथ ही कीमती धातुओं और जूलरी के सामान में ड्यूटी 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दी है। जिस वजह से जूलरी की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखी जा सकती है।
सैनिटरी वेअर और प्लास्टिक के सामान
सिंक, वॉश बेसिन जैसे सामानों पर ड्यूटी बढ़ाई गई है। इसके अलावा प्लास्टिक के बॉक्स, केस, कॉन्टेनर, बोतल पर भी ड्यूटी बढ़ाकर 10 से 15 फीसदी कर दी गई है। इसके अलावा ऑफिस स्टेशनरी, डेकोरेटिव शीट्स पर भी शुल्क बढ़ाया गया है। सूटकेस, ब्रीफकेस और ट्रैवल बैग पर भी ड्यूटी बढ़ाई गई है।