Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Jun, 2022 01:48 PM
स्टील निर्माताओं के दबाव और निर्यात में गिरावट के बीच सरकार स्टील और लौह अयस्क पर निर्यात शुल्क पर पुनर्विचार कर सकती है। पिछले हफ्ते भारत में स्टील की कीमतों में भारी उछाल के बीच स्टील पर 15 फीसदी और लौह अयस्क पर 55 फीसदी का शुल्क
बिजनेस डेस्कः स्टील निर्माताओं के दबाव और निर्यात में गिरावट के बीच सरकार स्टील और लौह अयस्क पर निर्यात शुल्क पर पुनर्विचार कर सकती है। पिछले हफ्ते भारत में स्टील की कीमतों में भारी उछाल के बीच स्टील पर 15 फीसदी और लौह अयस्क पर 55 फीसदी का शुल्क लगाया गया था। भारत में मुद्रास्फीति में कटौती और इस्पात की मांग को बढ़ाने का प्रयास किया गया था। इसके परिणामस्वरूप भारत में कीमतों में 15 प्रतिशत तक की गिरावट आई लेकिन यह इस्पात की खपत में मांग को बढ़ाने में विफल रहा जिससे इस्पात निर्माताओं को भारी नुकसान हुआ।
इंडियन स्टील एसोसिएशन की बैठक में अध्यक्ष दिलीप ओमन ने सदस्यों को पुष्टि की कि सरकार बहुत जल्द निर्णय को वापस लेने के लिए विचार कर रही है। ओमन ने जानकारी देते हुए बताया कि इंजीनियरिंग घटक में सकल घरेलू उत्पाद में लौह और इस्पात का योगदान लगभग 38 प्रतिशत है और पिछले साल वित्त वर्ष 22 में भारत का तैयार इस्पात निर्यात 13.49 मिलियन टन (एमटी) था और कुल निर्यात 18.4 मिलियन टन था।
ओमन ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि इस्पात क्षेत्र को बचाने के लिए सरकार जल्द ही इस्पात पर निर्यात शुल्क को समाप्त करने का निर्णय ले सकती है।